मुंबई। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी मुंबई सभा के तत्वावधान में आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनीता जी परमार के मार्गदर्शन में मुंबई ज्ञानशाला विभाग से पूरी टीम सभी चरित्र आत्माओं के सानिध्य में क्षमा याचना करने पहुंची। क्षमा आत्मा का धर्म है। इसलिए हम संवत्सरी के इस पावन अवसर पर हम दूसरों को खमत खामना करते हैं। एवं स्वयं भी क्षमा करते हैं ।।पर्यूषण पर्व आत्म जागरण का महापर्व है, यह पर्व विश्व मैत्री पर्व का दूसरा नाम है।
मुंबई ज्ञानशाला टीम द्वारा प्रोफेसर डॉ. महेंद्र मुनि, साध्वी श्री सोमलता जी,साध्वी श्री राकेश कुमारी जी, साध्वी श्री निर्वाणश्री जी, साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी,साध्वी श्री विद्यावती जी, साध्वी श्री संयम लता जी, साध्वी श्री पंकजश्री जी, साध्वी श्री जिनरेखा जी समणी मलई प्रज्ञा जी, सभी चरित्र आत्माओं के सानिध्य में क्षमा याचना करने पहुंची।। आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनीता जी परमार, सह- संयोजिका श्रीमती राजश्री कच्छारा , मुंबई विभाग की संयोजिका श्रीमती अंजू जी चौधरी, सह संयोजिका श्रीमती शीतल जी सांखला , श्रीमती रिंकू जी परमार, श्री जैन तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीमान विनोद जी बोहरा ,मुंबई सभा के निवर्तमान अध्यक्ष श्रीमान नरेंद्रजी सा तातेड़, महामंत्री श्रीमान दीपक डागलिया कार्यअध्यक्ष श्रीमान नवरत्न जी गन्ना, कार्यसमिति सदस्य, जॉन संयोजिका ,मुख्य प्रशिक्षक, के साथ सभी प्रशिक्षक बहनों की उपस्थिति रही। यह जानकारी कार्यसमिति सदस्य चंचल परमार द्वारा प्रेषित की गई।।
मुंबई ज्ञानशाला टीम द्वारा क्षमा याचना
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