मुंबई। सायन कोलीवाड़ा निवासी 22 वर्षीय सुश्री मुस्कान धाकड़ सुपुत्री श्री राजेश- रेखा धाकड़ ने कांदिवली तेरापंथ भवन में मास खमण -31 दिन के तप का प्रत्याख्यान कर एक नए इतिहास का सृजन किया है। इंजीनियर धाकड़ की यह तपस्या युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। मैं इसे इस विशिष्ट तप के लिए बहुत-बहुत साधुवाद देती हूँ। इसके माता-पिता एवं भाई-बहन भी साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने ऐसे तप में सहयोग किया है। आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने तप का प्रत्याख्यान करवाते हुए ये उद्गार व्यक्त किए।
प्रबुद्ध साध्वी डॉ योगक्षेम प्रभा जी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा -” प्यारचंद जी एवं चांदीबाई के परिवार को आज बहुत बहुत बधाई देते हैं जिनके परिवार से मुस्कान ने विशिष्ट तप की श्रृंखला में अपना नाम लिखवाया है। जैनशासन तप के क्षेत्र में अग्रणी है। ”
साध्वी वृंद की ओर से सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति हुई। श्रीमती रतन बाफना, श्रीमती पुष्पा बाफना,श्री नवनीत जी कच्छारा, श्री चतर जी सिंघवी, संपत जी चंडालिया, मदन जी बडाला आदि ने तप का संकल्प स्वीकार कर उसके तप की अनुमोदना की। स्थानीय सभा के पदाधिकारियों ने आचार्य तुलसी स्मृति ग्रंथ का उपहार देकर वर्धापना की। इस अवसर पर स्थानीय सभा की ओर से कांदीवली सभा मंत्री अशोक जी हिरण,तेयुप अध्यक्ष नवनीत जी कच्छारा, महिला मंडल की ओर से अरुणा चोरडिया, हस्तीमल जी भंडारी,चतर जी सिंघवी, भीमराज जी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
तपस्विनी के पारिवारिक जन-राकेश, रेखा एवं रजत ने साध्वी श्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। सूरत से समागत उपासक श्री अर्जुन जी मेड़तवाल ने अपने भावों की प्रासंगिक अभिव्यक्ति दी।
सुश्री मुस्कान धाकड़ ने बिखेरी तप की मुस्कान
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