आदित्या तिक्कू।।
ये भइये मुंबई क्यों आ जाते हैं, ट्रेनों में भर-भर के महाराष्ट्र में
उद्धव ठाकरे के साथ लाखों शिवसैनिक उत्तर प्रदेश अयोध्या में
उत्तरप्रदेश में उद्धव ठाकरे परिवार और शिवसैनिकों का भव्य स्वागत हुआ। उन्ही उतर भारतीय द्वारा जिन्हे मार -मारकर भगाने से शिवसैनिक प्रसिद्ध हुए। निहत्थे मज़लूम भूख के चूल्हे में मेहनत उबालकर कर्मशील उतर भारतीयों को रौंदकर प्रसन्न व गौरवान्वित होने वाले शिवसैनिकों का स्टेशन से ही फूलों से स्वागत किया गया।
उद्धव ठाकरे जिनका महाराष्ट्र में आधार खिसक रहा है, वह उत्तरप्रदेश में आकर अपने परिवार और अपनी पार्टी का भविष्य सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहे हैं। यह देखकर अच्छा लग रहा है। इससे समानता का बोध होता है कि देश में हर भारतीय को हक़ है कि वो किसी भी राज्य में जाकर अपने भविष्य का निर्माण करना चाहे, वह कर सकता है। चाहे किसी अज्ञात गांव का भूमिहीन किसान हो या परिवार और क्षेत्रीय वाद को बढ़ावा देती राजनैतिक पार्टियों का अध्यक्ष हो। जरूरतों की धुन पर लावणी की जगह मयूर नृत्य करना ही पड़ता है।
उद्धव ठाकरे द्वारा अयोध्या यात्रा का लिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। इससे आशा है कि उन्हें समझने में सहजता होगी कि महाराष्ट्र विशाल राष्ट्र का एक हिसा है, जैसे बाकी राज्य हैं वह उतने ही महत्वपूर्ण और सम्मानीय हैं। उत्तर प्रदेश में मिले अटूट समान से प्रेरणा मिलेगी कि दूसरे राज्य से कोई भी नागरिक आता है, चाहे वह पंजाबी, अन्ना, उतर भारतीय, राजस्थानी बाद में है सर्वप्रथम वह इस महान राष्ट्र का नागरिक है। भारतीय है तो कैसे उसे सहज बनाया जाए ना कि अपने बल से उसे कुचला जाए। क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है और यह प्रत्येक भारतीय का है न कि किसी दल की धरोहर।
राष्ट्र सबका है और सब राष्ट्र के।
यह सच्चाई राजनेता ही नहीं हम भी जितनी जल्दी समझ जाएं उतना हमारे लिए अच्छा होगा। अन्यथा मानवता और भारतीयता ईमानदारी की तरह विलुप्त हो जाएगी।