ठाणे। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में मुंबई महिला मंडल(ठाणे-सेंट्रल, कोपरी, वागलस्टेट)एवं ठाणे सिटी महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान जुलाई माह की कार्यशाला का आयोजन किया गया।शासन श्री साध्वी श्री जिनरेखा जी ठाणा–5 के प्रांजल सानिध्य में ठाणे भवन में रूपांतरण शिल्पशाला”प्रतिक्रमण”जाने समझे और करे प्रतिक्रमण न हो हमसे फिर कोई अतिक्रमण आयोजित की गई।
उक्त कार्यक्रम की मंगल शुरुवात शासन श्री साध्वी श्री जिनरेखा जी ने नमस्कार मंत्र से की।महिला मंडल ने सुमधुर सामूहिक प्रेरणा गीत द्वारा मंगलाचरण किया।सभी का स्वागत अभिनंदन ठाणे कोपरीसहसंयोजिका भावनाजी कच्छारा ने किया।साध्वीश्री जिनरेखाजी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि प्रतिक्रमण आध्यात्मिक विकास एवं जीवन उत्थान की पूंजी है। अतिक्रमणव्यतिक्रमण,अनाचार का परिष्कार करता है प्रतिक्रमण। साध्वी श्री ने कहा प्रतिक्रमण शुद्ध स्पष्ट लयबद्ध उच्चारण और अर्थ बोध के साथ करना चाहिए।प्रतिक्रमण सूर्यास्त से 48 मिनट बाद तक सूर्योदय से 48 मिनट पहले तक करें।ठाणे सिटी अध्यक्षा अनिता जी धारीवाल ने प्रतिक्रमण की महत्व बताते हुए कहा की आत्मा की पवित्रता कैसे सधे, वह प्रतिक्रमण से ही संभव होता है।
मुंबई कार्यकारिणी सदस्य रमिला जी बडाला ने कहा कि प्रतिक्रमण का शाब्दिक अर्थ है, प्र+अतिक्रमण से लौटना= प्रतिक्रमण। अशुभ भाव से शुभ भाव में आने का उपक्रम है प्रतिक्रमण।तत्पश्चात साध्वी श्री श्वेतप्रभा जी द्वारा ट्रिकी प्रतियोगिता रखी गई जिसमे विजेता रहे नीलम जी हिरण उसके बाद प्रतिक्रमण के 12 व्रत अतिचार पर रोचक प्रतियोगिता आयोजित की गई।जिसमे विजेता रहे प्रथम निशा भटेवरा,दूसरे राजू नहाटा, तीसरे मीना बापना, कंसलेशन संगीता मोटावत, उषा बापना। प्रतियोगिता के निर्णायक रहे भांडुप से प्रवक्ता उपासिका मीनाजी भंडारी एवं सीमाजी कोठारी।कार्यक्रम का कुशल संचालन ठाणे सिटी मंत्री जयंती जी भंसाली और ठाणे सेंट्रल संयोजिका प्रिया जी मुथा नेकिया।आभार ज्ञापन ठाणे वागले एस्टेट सहसंयोजिका नीलम जी हिरण ने किया।महिला मंडल की सराहनीय उपस्थिति रही।
ठाणे भवन में “रूपांतरण थ्रू जैनिज्म के तहत शिल्पशाला प्रतिक्रमण कार्यशाला संपन्न
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