ठाणे। तेरापंथ भवन ठाणे में शासनश्री साध्वीश्री जिनरेखाजी एवं साध्वीश्रीजी के सानिध्य में उत्थान एवं दूसरे चरण में 250 प्रात्याख्यान का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वीश्रीजी के मुखारविंद से महामंत्र उच्चारण के साथ ही कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ। महिला मंडल और युवक परिषद ने बड़े ही जोश से “जागो मुम्बई जागो – अब युगप्रधान आते हैं” प्रस्तुत कर कार्यक्रम में ऊर्जा भर दी।
ठाणे सभा अध्यक्ष श्रीमान रमेशजी सोनी ने साध्वीश्रीजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर बड़े गर्मजोशी से सबका स्वागत किया। शासन श्री साध्वीश्री जिनरेखाजी ने अपने उदबोधन में उत्थान मिशन पर प्रकाश डालते हुवे मिशन की उपयोगिता की भूरी भूरी प्रशंसा की और सभी को पूरे मनोयोग से इस कार्यक्रम से जुड़ के की प्रेरणा दी।
धर्म/सम्यक्त्व/ संवर सभी पूरक शब्द है जिसे जीवन मे उतारने से ज्ञान दर्शन और चारित्र्य की प्राप्ति होती है सफलता की कुंजी मिलती है और मोक्ष प्राप्ति की नींव मजबूत होती है। धर्म के दस प्रकार पर प्रकाश डाला। साध्वीश्री मधुरयशाजी ने कहा की प्रोफेशनल पढ़ाई और डिग्री तो हर व्यक्ति अपने लिए और अपने बच्चो के लिए चाहते है परतु क्या यही संस्कारो के लिये है?? इन्ही संस्कारो का बीजारोपण करने आया है उत्थान।
साध्वीश्री धवलप्रभाजी ने गोचरी की परिभाषा महत्व और नियम के बारेमे बताया चरित्रआत्माओ को शुद्ध दान देने से होने वाली कर्मनिर्जरा के बारे के बताया। उत्थान की जनकारी देतिहुयी सुंदर प्रस्तुति कन्यामण्डल द्वारा प्रस्तुत की गई। मोटिवेटर चिराग पामेचा ने ppt के माद्यम से छोटे छोटे नियम व करणीय कार्यो की विधि समझाई। बताया भारत के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्रजी मोदी का नारा तेरापंथ मेरा पंथ हो जाये। Learn, unlearn and relearn की प्रक्रिया के बारे में बताया। तेरापंथी सभा ठाणे की तरफ से उत्थान के पोस्टर का अनावरण साध्वीश्रीजी के सानिध्य में हुवा ।प्रतिया पूरे समाज मे प्रेषित की जिस से जागृति बढ़ सके। मुम्बई कन्यामण्डल से सुश्री काजल ने प्रतिक्रमण क्लास की जानकारी दी। अब तक के कार्यक्रम का सुचारू संचालन साध्वीश्री मार्दवयशाजी ने किया।
तपनुमोदना
साध्वीश्री श्वेतप्रभाजी ने संयोजन की कमान संभाली और आज आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर दस प्रत्याख्यान (250 पचखान) करीब 500 श्रावक श्राविकाओ ने पूर्ण किये। तप की भीनी भीनी बारिश में स्नाक्त 9 तप के तपस्वी श्रीमान पावनजी एवं रंजना बाफना ने प्रात्याख्यान किए। तप की अनुमोदन में पारिवारिक जन ,डॉ सुन्दरलालजी इटोदिया,संजयजी कोठारी,राजूजी बाफना, गादिया ने भाव रखे। ठाणे से जैन विद्या परीक्षाओ में विशेष योग्यता प्राप्त करने वालो के नाम उल्लेखित किये। साध्वीश्रीजी ने बताया अबतक ठाणे भवन में 30 तपस्वियों का अभिनंदन होचुका है जिसमे 11,9,और 8 कि तपस्या है अभी भी कई तपस्या गतिमान है। कार्यकम में ज्ञानार्थी, किशोर-कन्यामण्डल, युवक परिषद,महिला मंडल एवं सम्पूर्ण समाज की भागीदारी रही। सभा के मंत्री श्री नरेशजी बाफना ने आभार ज्ञापन किया।
ठाणे में उत्थान व तपनुमोदना का सफल कार्यक्रम
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