- कोविड-19 के बाद दूसरी बार प्रेक्षाध्यान योग साधना केंद्र में हुआ कार्यक्रम
मुंबई। प्रेक्षाध्यान योग साधना केंद्र कांदिवली, अशोक नगर, मुंबई द्वारा गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सुंदर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोविड-19 महामारी के बाद दूसरी बार प्रेक्षाध्यान योग साधना केंद्र में हर्षोल्लास के साथ ऐसा आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ आत्मसाक्षात्कार प्रेक्षा ध्यान के द्वारा पांचों केंद्रों की बहनों ने समधुर स्वर लहरियों के साथ किया। इसके बाद पांचों केंद्र के भाई बहनों ने आकुर्ली माता मंदिर से पामेचा दंपति ने ग्रुप के साथ संयममय जीवन हो अणुव्रत गीत का संगान किया। दुगड दंपति के अद्भुत कार्यों का उल्लेख करते हुए समता व भारती बेन अपनी प्रस्तुति दी। आकुर्ली माता मंदिर सांयकालीन केंद्र से स्वरचित गीत जोशना बेन और कविता बेन ने बहुत अच्छी प्रस्तुति दी।
केंद्र के संचालक एवं निर्देशक पारसमल दुगड़ ने गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए गणधिपति गुरुदेव श्री तुलसी प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी आचार्य श्री महाश्रमण जी को नमन करते हुए कहा कि हमने जो कुछ प्रेक्षा ध्यान के क्षेत्र में हमने जो भी काम किया है और कर रहे हैं। वह सब गुरुदेव की असीम अनुकंपा एवं आशीर्वाद से ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी आचार्य श्री महाश्रमण जी का इतना उपकार हमारे इस प्रेक्षा ध्यान केंद्र पर व दुगड़ परिवार पर है, उससे हम कभी उनके उपकार से उऋण नहीं हो सकते हैं। गुरु पूर्णिमा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। घटना के माध्यम से बहुत सुंदर ढंग से समझाया। समय के महत्व को समझाया उन्होंने कहा गुरु के बिना ज्ञान नहीं गुरु के बिना आत्मसाक्षात्कार नहीं।
केंद्र की संचालिका श्रीमती विमला देवी के गुरू के महत्व को समझाते हुए गुरु के बारे में अपनी भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। इस प्रेक्षा ध्यान केंद्र की 25 वर्ष में प्रवेश एवं रजत जयंती वर्ष की सफलता के राज के बारे में बहुत सुंदर जानकारी दी। दुगड़ जी का अनुशासन, कार्य करने की अद्भुत शैली, सरलता नियमितता केंद्र के लिए वरदान बनी। मर्यादाएं है जो इसको आगे बढ़ा रही है।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री दामोदर बाड़ी केंद्र, श्री प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी गार्डन प्रातः कालीन सांय कालीन केंद्र, कृसांगली आकुर्ली माता मंदिर प्रातः कालीन सांय कालीन केंद्र के सभी भाई बहनों ने विभिन्न तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आध्यात्मिक ज्ञान वर्धक अभुतपूर्व प्रस्तुतियां दीं। उपस्थित जन समुदाय उन कार्यक्रमों से मंत्रमुग्ध हो गए। इन प्रोग्रामों की तैयारी में शांता बेन, प्रेम भाई और ज्योतिका बेन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनका सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का महत्वपूर्ण आकर्षण था विभिन्न विभूतियों का सम्मान अभिनंदन पत्र शील्ड शाल्यार्पण, माल्यार्पण के साथ किया गया। श्री प्यारचंदजी मेहता मलाड, श्रीमती पुष्पादेवी चंद्रप्रकाश जी मेहता उरण, रमेश कुमार जी फूलचंदजी गुंदेचा बोरज के विशेष सहयोग के लिए इनका सम्मान व अभिनंदन किया गया। इनके अलावा और भी कई भाई बहनों का सम्मान शील्ड व माल्यार्पण के द्वारा किया गया।
इसमें पत्रकारिता व प्रचार-प्रसार के लिए श्री अरुण उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार प्रातः काल, भारत भूषण श्री सुरेंद्रजी मुनोत पत्रकार कोलकाता, श्री मुकेश जी मेडतवाल जैनम् टाइम्स सह संपादक भीलवाड़ा, श्री रवि जैन गायक एवं संगीतकार, दिनेश चक्रवर्ती – सुरभि सलोनी संस्थापक संपादक, म्हारो राजस्थान के संपादक रीतेश पाठक आदि का सम्मान व अभिनंदन किया गया।
अंत में वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक प्रेक्षा पुरस्कार जैन सेवा रत्न अनेक वर्ल्ड रिकॉर्डस होल्डर पारसमल दुगड वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षिका प्रेरणा पुरस्कार सम्मानित श्रीमती विमला देवी दुगड़ का पांचों केंद्रों की ओर से भावों के साथ शाल्यार्पण, पगड़ी माल्यार्पण व तिलक लगाकर सम्मान व अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम में तेरापंथी सभा कांदिवली के मंत्री श्री अशोक हिरण, उपाध्यक्ष श्री रमेश बाफना, तेयुप कांदिवली के उपाध्यक्ष पंकज कच्छारा, मंत्री विनित सिंघवी, सह मंत्री राजेंद्र दुगड़, पत्रकार प्रमोद सूर्या विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग रहा महेंद्र नारी चनिया, हर्षद वोरा, उपेन संजय शाह, भागवत जोशी, देवेंद्र पामेचा, रीटा सरावगी, विमला पटेल, अनिल भाई जयेश भाई, अश्विन भाई, रक्षाबेन, चंचलबेन, इलाबेन, रूपा बेन, प्रीति, कुंदा बेन, योगिनी बेन, शीला बेन, रंजन बेन ,हेमा बेन , भारती आचार्य, सपना बहन ,आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।कार्यक्रम का संचालन प्रशांत कोठारी सु श्री याशिका राजेंद्र दुगड ने बहुत ही व्यवस्थित व सुंदर ढंग से किया।