वसई। आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ठाना 4 का चातुर्मास वसई में तप की भेंट के साथ प्रारम्भ हुआ। श्रीमती वनिता भरत जी बोहरा जो साध्वी श्रीजी के संसारपक्षीय भतीजे की बहू भी है उनके 15 के तप का अभिनन्दन तेरापंथ भवन वसई में आयोजित हुआ।
साध्वी सरलप्रभाजी ने कालूगणी के समय के उदाहरण के साथ श्रावको को तप की प्रेरणा प्रदान की,साध्वी विनय प्रभाजी एवम प्रतिकप्रभाजी ने गीतिका द्वारा तपस्वी बहन के मनोबल को ऊंचाई प्रदान की।साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ने फरमाया की अभी मौसम भी अनुकूल है और श्रावण भादवो में तप की लड़ी तो लगती है,तप कर्म निर्जरा का एक माध्यम है।और श्रावक समाज जागरूकता के साथ इस ओर गतिमान रहे। तप का अभिनंदन तप द्वारा किया गया। तप अभिनंदन में सभा अध्यक्ष प्रकाश जी संचेती पूर्व अध्यक्ष मोहनजी गुंदेचा तेयुप अध्यक्ष कमलेशजी लोढा महिला मंडल संयोजिका मंजू जी संचेती बोहरा परिवार ने अपनी प्रस्तुति दी।तप अभिनंदन कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री भगवतीलाल जी चौहान ने किया।
साध्वीश्रीजी कि विशेष प्रेरणा से श्रावक समाज पूर्ण जागरूकता के साथ आत्म कल्याण की राह पर अग्रसर है जिसमे वसई विरार चोखले के ओर आस पास के क्षेत्र में साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से 115 तेले सम्पन्न हुए।
तप की भेंट से सुभारम्भ हुआ वसई चातुर्मास
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