विरार। विरार ज्ञानशाला में १० जुलाई को संपर्क पखवाड़े का आयोजन किया गया। संपर्क पखवाड़े के अंतर्गत प्रशिक्षक और अभिभावकों की मीटिंग बुलाई गई । सभा, महिला मंडल, युवक परिषद के पदाधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही। मुंबई ज्ञानशाला कार्यकारिणी से विशेष सहयोगी साधनाजी फुलफागर व आध्यात्मिक टीम से किरणजी हिंगड़ ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से मीटिंग का आगाज किया।
मुख्य प्रशिक्षक योगिताजी बाफना ने सभी का स्वागत किया और साथ ही अगले दो वर्षो के लिए मुख्य प्रशिक्षिका के पद पर सुश्री मयूरी सोलंकी का नाम घोषित किया। मंगलाचरण विरार की ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओ ने किया ।
संपर्क पखवाड़ा क्या होता है एवं उसका महत्त्व क्या है, उसकी संक्षिप्त में जानकारी दी प्रशिक्षिका ममताजी हिरण ने । सभा, युवक परिषद, महिला मंडल के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। कई अभिभावकों ने अपने सुझाव भी रखे ।
कुछ बच्चो को पच्चीस बोल, प्रतिक्रमण, भक्तामर व तेरापंथ प्रबोध पूछा गया जिसको बच्चो ने बड़ी बखूबी से बताया।
हमने जो बच्चे ज्ञानशाला नही भी आते है उनको अपने अभिभावक के साथ आने की निमंत्रण दिया था, ताकि अभिभावकों में भी जागरूकता आए की ज्ञानशाला का महत्त्व क्या है व वे अपने बच्चो को ज्ञानशाला आने हेतु प्रेरित करे । उनसे फॉर्म भी भरवाया गया, की बच्चो के ज्ञानशाला नही आने का कारण क्या है बच्चो की संख्या ज्यादा हो कोई वंचित ना रहे इसिलिए तेरापंथी सभा ने बच्चो के लिये वाहन की व्यवस्था का दायित्व लिया,आज के समय के अनुसार बच्चो को डीजीटल पढ़ाने के लिये सभा ने ज्ञानशाला के लिये एक प्रोजेक्टर की व्यवस्था करने का फायनल किया,तुलसीगणी जोन संयोजीका जयश्रीजी हिंगड़ ने त्याग पत्र के बारे में जानकारी दी ताकि अधिक से अधिक बच्चे चातुर्मास के दौरान इस क्रम से जुड़े ।
प्रोग्राम का कुशल संचालन नई निर्वाचित मुख्य प्रशिक्षका मयूरी सोलंकी ने किया। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को मंत्र दीक्षा व वीतराग पथ कार्यशाला से जुड़ने की प्रेरणा दी गई। आभारज्ञापन प्रशिक्षिका पूर्णिमाजी लोढ़ा ने किया। बच्चे, प्रशिक्षक, अभिभावक और पदाधिकारी मिलाके लगभग ९५ लोगों की उपस्थिति थी। अच्छी संख्या में बच्चे और अभिभावक उपस्थित, जिसके कारण प्रोग्राम कार्यक्रम सफलतम हुआ । यह जानकारी मेडियाप्रभारी राजेश सोलंकी ने दी।
विरार ज्ञानशाला में सम्पर्क पखवाड़े का आयोजन
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