कांदिवली, मुंबई। 26 जून 2022 युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ठाणा-6 के पावन सान्निध्य में प्रज्ञा दिवस समारोह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
उपस्थित जन मेदनी को संबोधित करते हुए विदुषी साध्वी श्री निर्वाण श्री जी ने कहा – ” शोध, प्रयोग और प्रशिक्षण की त्रिवेणी का नाम है- आचार्य श्री महाप्रज्ञ।आचार्य श्री महाप्रज्ञ समस्या के मूल को भी देखते थे और उसके अग्र को भी। उन्होंने समाज के फलक पर उभरने वाली हर समस्या का तलस्पर्शी विवेचन किया व उसका समाधान भी दिया।”
डॉ योगक्षेम प्रभा जी ने अपने प्रेरक व्यक्तित्व में कहा- “मुक्त गगन में जीवन की प्रथम सांस लेकर जिन्होंने जगत को मुक्ति का संदेश दिया, वे महापुरुष थे- महामना महाप्रज्ञ। उनका जन्म जीव मात्र में प्रज्ञा की अनुभूति का आधार बने,यह अभ्यर्थना है।
साध्वी लावण्य प्रभा जी ने वक्तव्य, साध्वी कुंदनयशा जी ने कविता तथा साध्वी मधुरप्रभा जी ने महाप्रज्ञ अष्टकम से अपनी आस्था अभिव्यक्त की।
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के महामंत्री श्री सुरेंद्र जी कोठारी, stmf के अध्यक्ष श्री विनोद जी बोहरा, तेरापंथी सभा कांदिवली के अध्यक्ष श्री पारसमल जी दुग्गड उपासिका विमला जी दूगड़,कांदिवली की संयोजिका नीतू जी नाहटा,तारा जी धाकड़,अलका जी पटावरी, मलाड ते यु प के अध्यक्ष मनोज जी लोढा आदि ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ के प्रति अपनी आस्था की अभिव्यक्ति दी।
साध्वी वृंद ने समवेत स्वरों में “लाखों अधरों पर गूंज रहे” गीत की प्रस्तुति दी। धन्यवाद ज्ञापन ते यु प कांदिवली से राजू जी दूगड़ ने किया। मंच संचालन ते यु प कांदिवली के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नवनीत जी कच्छारा ने किया।
कांदिवली में प्रज्ञा दिवस समारोह पर भक्ति का सैलाब
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