सुरभि सलोनी/मुंबई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार संकट में है जबकि राजनीतिक गलियारों का पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने सीएम आवास खाली कर दिया है जबकि पद से इस्तीफा नहीं दिया है हालांकि उन्होंने कहा है कि सीएम और शिवसेना प्रमुख का दोनों पद छोड़ देंगे बशर्ते कोई शिवसैनिक आकर कहे कि मैं इसके काबिल नहीं हूं। वहीं मीडिया रिपोर्ट् पर भरोसा करें तो पता चलता है कि होटल में एकनाथ शिंद के साथ महाराष्ट्र के कुल 42 विधायक मौजूद हैं। जिनमें शिवसेना के 34 तथा 8 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि गुवाहाटी में मौजूद 20 विधायक उनकी तरफ हैं। राउत ने कहा कि आज भी हमारी पार्टी मजबूत है। किस हालात और किस दबाव में उन लोगों ने हमारा साथ छोड़ा उसका खुलासा जल्द होगा। हमारे संपर्क में लगभग 20 विधायक हैं और जब वे मुंबई आएंगे तब इसका खुलासा होगा। जो ED के दबाव में पार्टी छोड़ता है, वह बालासाहेब का भक्त नहीं हो सकता।
बुधवार को उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर लाइव कहा कि कोई गद्दारी करने की जगह सीधे आकर उनसे बात करे। उद्धव के बयान के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि महाविकास अघाड़ी बेमेल का गठबंधन है, जिसे खत्म करना चाहिए।
इधर NCP चीफ शरद पवार ने बड़ी बैठक की, जिसमें डिप्टी सीएम अजीत पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड और पार्टी नेता सुनील तटकरे शामिल हुए।
इस बीच तीन शिवसेना सांसद भी बीजेपी और शिंदे गुट के संपर्क में बताये जा रहे हैं। जिनमें भावना गवली, रामटेक कृपाल तुमने, राजेंद्र गावित का नाम शामिल है। दो सांसद पहले से शिंदे के साथ हैं। इसमें ठाणे से सांसद राजन विचारे और कल्याण से सांसद श्रीकांत का नाम शामिल है। श्रीकांत एकनाथ शिंदे के बेटे हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए हैं। शिवसेना के इन विधायकों में कुर्ला के विधायक मंगेश कुदालकर और दादर के विधायक सदा सरवनकर शामिल हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा जारी, बंग्ला छोड़ा लेकिन सीएम पद बने हुए हैं उद्धव ठाकरे
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