कोटा । तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण की प्रबुद्ध सुशिष्या साध्वी अणिमा श्री के पावन सानिध्य में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के तत्वाधान में गुलाबबाड़ी स्थित तेरापंथ भवन में स्वास्थ्य विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर साध्वी श्री अणिमा श्री जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि स्वास्थ्य के चार घटक है शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य ये चारो तत्व एक सर्वांगीण स्वास्थ्य का निर्माण करते हैं ।
बीमारी कभी भी सबसे पहले शरीर में नही आती हमारे भाव जगत में प्रवेश करती है अगर हम हमारे भावो को शुद्ध रखते है तो हमारा शरीर रोगाक्रांत होने से बच सकता है । जिस व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है चिंतन पॉजिटिव होता है वह अपने आप को स्वस्थ रख सकता है । कोई व्यक्ति हमे हमारे मन के प्रतिकूल कुछ कहता है तो हमारे इमोशंस इनबेलेंसड हो जाते है ।
यह कब होता है , वो बोला , इसलिए नही, हमने वो बात सुनी इसलिए , हम दुखी होते है । हम प्रतिकूल या नेगेटिव बातो को सुनना छोड़ दे हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते है ।
विषय की शानदार प्रस्तुति देते हुए मुख्य वक्ता श्री राकेश खटेड़ ने कहा सात सुखों में से पहला सुख है निरोगी काया बताया है । क्यों? क्योंकि बाकी छहों सुख आपको तभी सुख की अनुभूति करा पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे। भगवान महावीर ने हजारों वर्ष पहले कहा था कि प्रासुक पानी पियो आज विज्ञान कह रहा है की सेवन पी एच पानी पीओ स्वस्थ रहोगे। मन जितना प्रसन्न रहेगा गृह खुश रहेगा शरीर उतना ही स्वस्थ रहेगा ।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए एक मंत्र की साधना करें ॐ इगनोराय : नमः। अगर हम इधर उधर की बातों को इग्नोर करना सीख जाएंगे तो स्वस्थता का वरण कर सकते है।
साध्वी सुधा प्रभा जी मंच का संचालन किया। साध्वी मैत्री प्रभा जी ने आगम वाणी का रसपान कराया। सभा अध्यक्ष संजय बोथरा , मंत्री धर्मचंद जैन महिला मंडल मंत्री सुनीता जैन ने चेन्नई से समागत टी पी एफ अध्यक्ष राकेश खटेड़ एवं चेन्नई महिला मंडल की उपाध्यक्ष अलका खटेड का साहित्य भेंट कर सम्मान किया ।