वर्षीतप प्रेरणा प्रोत्साहन कार्यक्रम
नई धोबीपेट, चेन्नई 12.06.2022। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वस्थता का तप परम आधार है। भगवान महावीर का संयम दर्शन जिन्दगी के हर मोड़ पर हमारी सुरक्षा करता है। स्वस्थ जीवन के लिए संयम, त्याग की चेतना आवश्यक है। संयम का ग्राफ ऊंचा हो, यह प्रयास करें, उपरोक्त विचार श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट, नई धोबीपेट द्वारा आयोजित, श्री एसवीएस जैन भवन, चेन्नई में महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी के षष्टिपूर्ति वर्ष के अवसर पर साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी की प्रेरणा से वर्षीतप साधना में गतिशील साधकों के साथ, “वर्षीतप प्रेरणा प्रोत्साहन” कार्यक्रम के अन्तर्गत श्रावक समाज को सम्बोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहें।
मंगल मंत्रोच्चार से शुभारम्भ कार्यक्रम में साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा ने कहा कि षष्टिपूर्ति पर सजाये तप: संकल्प की सफलता परम प्रसन्नता है। यह सब गुरुकृपा और गुरु शक्ति का उदाहरण है। पूज्य प्रवर की प्रबल पुण्याई और तेजस्वी आभामण्डल ही शक्ति प्रदायक होता है। गुरु, शक्ति के पावर हाउस होते हैं। वर्षीतप साधकों ने गुरु चरणों में तप का उपहार प्रस्तुत किया, सहज प्रेरणा को स्वीकार किया।
उपवास चिकित्सा पद्धति फलदायी
सभी तपस्वियों के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना करती हुई साध्वीश्रीजी ने अपने देश- विदेशों के यात्रा-अनुभव साझा करते हुए कहा कि उपवास चिकित्सा फलदायी होती है। जैन सिद्धान्त में तप को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वर्षीतप की साधना निश्चित रूप से उत्तम स्वास्थ्य की आराधना है।
धर्म परिषद् को विशेष प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि ऐसा लग रहा है संयम की श्वास लेना व्यक्ति भूल गया है, व्यवहार की कटुता और वाणी का असंयम अनेक समस्याएं पैदा कर रहा है। आज दृष्टि को बदलने का समय है। सभी तप साधक अध्यात्म रस का निरन्तर पान करते हुए लक्ष्य का वरण करें, यह काम्य है।
अपने वर्षीतप सम्पूर्ति पर साध्वीश्री राजुलप्रभा ने कहा- गुरु शक्ति, प्रेरणा और प्रोत्साहन से मुझे सफलता मिली, असंभव संभव बन गया। साध्वीश्री मंगलप्रज्ञाजी एवं सभी साध्वियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। साध्वी चैतन्य प्रभा ने कहा- साध्वीश्री का सपना शतशः फलवान बना है। सभी साध्वीवृन्द के साथ गीत के रूप में शुभकामनाएँ सम्प्रेषित की।
धोबीपेट कन्या मंडल एवं महिला मंडल ने मंगल स्वागत संगान किया। ज्ञानशाला ने ” ऐतिहासिक जीवन दर्शन” की मनमोहक प्रस्तुति दी। तेरापंथ ट्रस्ट, घोबीपेट के मुख्यन्यासी महावीर धोका ने सभी का स्वागत किया। ट्रस्ट मंत्री श्री रोशन हिरण ने साध्वी सत्यप्रभाजी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी सिद्धियशा, साध्वी राजुलप्रभा, साध्वी चैतन्यप्रभा, साध्वी शौर्यप्रभा ने तपस्वियों का नामोल्लेख युक्त गीत का सह-संगान किया।
बेंगलुरु समण संस्कृति संकाय केंद्र व्यवस्थापक राजेश कोठारी, तेरापंथ ट्रस्ट साहूकारपेट के मुख्यन्यासी विमल चिप्पड़, महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी ने भी विषयनाकूल विचार व्यक्त किये। साध्वी लक्ष्यप्रभाजी, साध्वी नव्यप्रभाजी, साध्वी उन्नतप्रभाजी की शुभ भावनाओं को सांसारिक पारिवारिक जनों ने प्रस्तुति दी। संचालन नवीन बोहरा ने और मंत्री रोशनलाल हिरण ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। साध्वीश्रीजी से तपस्वियों द्वारा प्रत्याख्यान ग्रहण के समय पूरा भवन ‘ऊँ अर्हम्’ की ध्वनि से गुंजायमान हो गया।