राजकुमार गौतम/बस्ती। एक तरफ जहां सरकार दावा कर रही है कि गुंडागर्दी और अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण पा लिया गया है वहीं दूसरी तरफ यह भी देखने को मिल रहा है कि आए दिन कहीं ना कहीं शासन की लापरवाही के कारण बहुत बड़ी घटना हो जाती है। विगत दिनों हरैया थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 हनुमानगढ़ी का रहने वाला विजय सोनकर की बंदी रक्षकों ने जेल में ही पीट-पीटकर की हत्या कर देने का आरोप विजय सोनकर की पत्नी माया देवी ने मानवाधिकार आयोग, एससी एसटी आयोग, मुख्यमंत्री, आईजी पुलिस, पुलिस अधीक्षक बस्ती एवं थाना कोतवाली से न्याय की गुहार लगाई है।
माया देवी के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार थाना कोतवाली में धारा 302 के तहत जेल प्रशासन के ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ है, माया देवी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में जेल प्रशासन के ऊपर आरोप लगाया गया कि पति विजय सोनकर पुत्र रामफेर सोनकर को हरैया पुलिस एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 5 जून को सुबह करीब 7:00 बजे मेरे देवर दद्दू के पास जिला कारागार से फोन पर सूचना मिली कि विजय की पत्नी व परिजनों को लेकर अस्पताल पहुंचे विजय की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है, सुबह तकरीबन 9:00 बजे माया अपने मोहल्ले के कुंदन, सनी एवं गांव के कुछ लोगो व रिश्तेदार को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। परंतु पति के बारे में कोई सूचना नहीं मिली और न ही अस्पताल में माया के पति से मिलाया गया, माया अपने पति के इंतजार में बैठी रही, तब माया के देवर पिंटू ने बताया कि विजय की मौत हो गई है शरीर पर काफी गंभीर चोटें है जिसकी फोटो दिए गए प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करके एससी एसटी आयोग, मानवाधिकार आयोग सहित मुख्यमंत्री तक को देकर न्याय की गुहार लगाई।
माया देवी के प्रार्थना पत्र को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, आगे की कार्यवाही पुलिस द्वारा की जा रही है। यह घटना कुछ हाल ही में रिलीज हुई साउथ की जय भीम फिल्म के सिक्वेंस से मिलता जुलता है। देखना यह है कि जिस तरीके से बाबा का बुलडोजर अपराधियों पर चलता है क्या उसी तरीके से बाबा का बुलडोजर शासन में रह रहे इन अपराधियों के ऊपर भी चलता है।
भले ही बस्ती जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबन कर दिया गया हो परंतु यह उचित न्यायिक कार्यवाही न होगी, परिवार के लोगों की मांग है कि उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन करके जांच की जाए, विदित हो कि विजय कुमार सोनकर (38) की मृत्यु रविवार को ही हो गई थी। पत्नी माया देवी ने पुलिस अधीक्षक एससी एसटी आयोग और मानवाधिकार सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद पांडे जी के निलंबन का आदेश आया।
बस्ती के जिलाधिकारी कार्यालय ने पांडेय के निलंबन की पुष्टि कर दी है। विजय को गत 30 मई को पुलिस ने मादक पदार्थ एवं अवैध हथियारों से जुड़े मामले के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था। परिजनों का आरोप है कि 30 मई को पुलिस उसे घर से उठाकर ले गई थी तब तक घर वालों को कुछ भी नहीं पता था कि क्यों पुलिस विजय सोनकर को उठाकर ले जा रही है। इसके बाद उसके खिलाफ स्मैक, गांजा व कट्टा-कारतूस फर्जी मुकदमे लगा कर जेल भेज दिया।
जेल प्रशासन पर आरोप है कि विजय की जेल में अत्यधिक पिटाई के कारण लगी गंभीर चोटें उसकी मौत का कारण बनीं। मृतक के परिजनों ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव से इस बारे में शिकायत कर प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी। इस संबंध में जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय का कहना था कि विजय सोनकर की शनिवार की रात को तबीयत बिगड़ने पर रात में ही उसे दवा दी गई थी। रविवार की सुबह जेल खुलने के वक्त विजय की तबीयत फिर से बिगड़ गई, तब उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया।
इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मुख्य चिकत्सिाधिकारी स्तर से गठित डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसमें सर, हाथ, पैर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट की पुष्टि हुई है। कोतवाल संजय कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर जेल प्रशासन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
बस्ती: बंदी रक्षकों पर आरोपी को पीट पीटकर मार डालने का आरोप, पत्नी ने की न्याय की गुहार
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