नई दिल्ली:केंद्र सरकार कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात पर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने 20-20 लाख मीट्रिक टन तेल आयात को सीमा शुल्क, कृषि अवसंरचना और विकास उपकर की शून्य दर पर आयात की अनुमति दी है। मतलब ये कि दोनों तेल के 20-20 लाख मीट्रिक टन तेल आयात पर ये कर नहीं लगेंगे।
कब से होगा लागू: यह नियम 31 मार्च 2024 तक के लिए लागू होगा। आसान भाषा में समझें तो चालू वित्त वर्ष के अलावा आगामी वित्त वर्ष में भी 20 लाख मीट्रिक टन तेल के आयात पर कर नहीं देना होगा। इसका मतलब है कि 31 मार्च, 2024 तक कुल 80 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल का शुल्क मुक्त आयात किया जा सकेगा।
बहरहाल, सरकार के फैसले से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की कीमतों में गिरावट होगी। आपको बता दें कि इन तेलों का इस्तेमाल खाना बनाने के अलावा कई अन्य काम के लिए भी होते हैं।
हो रही थी दिक्कतें: भारत 60 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेल आयात करता है। बीते कुछ माह में रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के अलावा इंडोनेशिया द्वारा निर्यात पर पाबंदी से आयात प्रभावित हुई है। इस वजह से वैश्विक के साथ घरेलू बाजार में भी खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, सरकार ने पिछले साल कीमतों में कटौती को लेकर कई अहम फैसले भी लिए थे।
महंगाई पर एक्शन मोड में सरकार: महंगाई के मोर्च पर सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है। आपको बता दें कि सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाया था। साथ ही इस्पात और प्लास्टिक उद्योग में इस्तेमाल होने वाले कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क भी हटाने का निर्णय लिया था।