- पिछले कई वर्षों से लटकाया जा रहा है पत्रकारों के पेंशन के मामला
- पत्रकारों के हित में निर्णय नहीं लिया गया तो ऐप्रवा जाएगी न्यायालय
भदोही। ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन पत्रकारों को पेंशन दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश में लड़ाई लड़ेगी। संगठन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के विभिन्न राज्यों में पत्रकारों को पेंशन दिया जा रहा है,लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। शास्त्री ने बताया कि कुछ लोग शरारत बस एवं सरकार को बदनाम करने की नियत से पत्रकारों के पेंशन में रोड़ा बने हुए है। जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रेस काउंसिल आफ इंडिया द्वारा पूर्व में ही उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को पेंशन देने के लिए कहां गया है एवं आदेश भी दिया जा चुका है। लेकिन कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों की अवहेलना एवं पीसीआई के आदेश को दरकिनार कर प्रकरण को लटकाया है, जो एक लोकतांत्रिक देश के लिए सही संकेत नहीं है।
देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार गण रमेश चन्द जैन, निर्भय सक्सेना, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा आदि लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को विषयगत प्रकरण के संबंध में एक प्रतिवेदन मई 2017 में सौंपा गया था, जो कार्यवाही हेतु अपर मुख्य सचिव सूचना को भेज दिया गया था, जिस पर कोई कार्यवाही न होने पर पुन: इन्हीं लोगों द्वारा मार्च 2021 में एक ध्यानानार्थ प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पत्रकारों को मासिक सम्मान राशि (पेंशन) उपलब्ध कराने हेतु दिया गया। इस संबंध में दशकों से ऐप्रवा परिवार की ओर से वरिष्ठ पत्रकार प्रभुनाथ शुक्ला, राजेश पांडेय, हरि नारायण पांडेय, कमल श्रीवास्तव, प्रशांत श्रीवास्तव, संदीप समीर तिवारी, दिलीप चंद्र पांडेय, आशीष जायसवाल, मुकेश गुप्ता, अमर चंद्र पटेल, राकेश सिंह, संजय सिंह, राकेश विश्वकर्मा, कमलेश चंद्र शर्मा, मिथिलेश वर्मा, विष्णु देव पांडे, विनय प्रकाश तिवारी, संतलाल, अशद कुरैशी, अभय पाडेय, वी.के.यादव व समाजसेवी पत्रकार मनोज कुमार उपाध्याय सहित आदि पत्रकारों के साथ प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं किया गया, जो बहुत ही चिंतनीय है।
शास्त्री ने बताया गया कि वरिष्ठ नागरिक पत्रकारों को मासिक सम्मान राशि (पेंशन) दिए जाने के सम्बन्ध में ऐप्रवा परिवार की ओर से दशको से जरिए रजिस्ट्री पत्र, ईमेल, सोशल मीडिया, अखबार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री एवं अधिकारियों से मांग करता चला आ रहा हैं। लेकिन पत्रकारों की इस मांग को अभी तक ठंडे बस्ते में रखा गया है जो बहुत ही खेद का विषय है, जो समाज सबको उजाला दिखाता है उसी को अंधेरा मे रखा गया है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, केरल, चेन्नई, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश आदि एक दर्जन से अधिक राज्यों में वरिष्ठ नागरिक पत्रकारों को 15 हजार रुपये तक मासिक सम्मान राशि (पेंशन) दी जा रही है उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश के पत्रकारों को भी पेंशन देकर एक देश एक कानून का नियम लागू किया जाए। साथ ही ऐसे महत्वपूर्ण विषय में उपरोक्त प्रदेशों से जिस प्रकार उत्तर प्रदेश पिछडा है, यह देश के सबसे बड़े प्रदेश के मर्यादा के विपरीत है। इसको आगे करने के लिए एवं इस खाई को भरने के लिए तत्काल पेंशन योजना लागू करने का निर्देश देकर इस विषय में पिछड़ा प्रदेश को उपरोक्त प्रदेशों की श्रेणी में किया जाए, नहीं तो ऐप्रवा परिवार इस विसंगति में न्याय पाने हेतु पत्रकारों की बात को माननीय न्यायालय में रखेगा।
श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि ऐप्रवा परिवार द्वारा फिर से हर जगह वरिष्ठ नागरिक पत्रकारों को मासिक सम्मान राशि (पेंशन) उपलब्ध कराने हेतु प्रार्थना पत्र हर फोरम के माध्यम से भेजा रहा है। यदि इस बार भी पेंशन लागू करने के लिए आदेश नहीं हुआ तो, जिस प्रकार से पीसीआई के गड़बड़ झाले के खिलाफ एवं उ.प्र. प्रेस मान्यता समिति में हो रही देरी के विरुद्ध ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन परिवार द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल कर न्याय पाया गया है उसी प्रकार से इसमें भी न्याय पाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।