- अणुव्रत समिति द्वारा आयोजित काव्यधारा में कवियों ने बाधां समा
- मंत्रमुग्ध हुए श्रोत्रागण
नार्थ टाउन, चेन्नई। 74वें अणुव्रत स्थापना दिवस के उपलक्ष में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अणुव्रत काव्यधारा के अन्तर्गत श्री सुमतिवल्लभ नॉर्थ टाउन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ भवन, नॉर्थ टाउन, बिन्नी मिल, चेन्नई मे मुनि श्री अहर्तकुमारजी के सान्निध्य में अणुव्रत समिति द्वारा काव्यधारा का आयोजन किया गया। मुनिश्री अर्हतकुमारजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि दुनिया में मनुष्य भव दुर्लभ है, विद्या प्राप्त करना उससे भी ज्यादा दुर्लभ है और कवित्व को पाना अति दुर्लभ माना गया है। लिखो तो कुछ ऐसा लिखो कि कलम रोने को मजबूर हो जाएं। कविता में जान होनी चाहिए, जो चलते हुए राहगीर के पांव को रोक दे। कविता लिखना सरल नहीं है, पुछों इन फनकारों से। मुनि श्री ने वर्तमान स्थिति का चित्रण करते हुए कविता के माध्यम से कहां यह भारत है, यहा हर काम हिम्मत से होता है। जो काम किस्मत से नहीं होता, वह काम रिश्वत से होता है।आपश्री ने अपनी ओजस्वी वाणी से रिश्वत लेते पकड़े गए, तो रिश्वत देकर छुट गए एवं नेताजी जोश में आकर कड़के इत्यादि कविताओं से जो काव्यधारा प्रवाहित की और ऐसा समां बांधा कि उससे सारी परिषद् को काव्य रस से सरोबोर कर दिया।
मुनिश्री भरतकुमारजी ने काव्यधारा में कहा मचा हुआ है विश्वभर में हाहाकार, कठिन समय में एक ही अणुव्रत है आधार। जो पालन करता है अणुव्रत के नियम, उसका कुछ बिगाड नही सकता, चाहो हो यम। तन का नाश करने वाला है नशा, धन का नाश करने वाला है नशा, जीवन का सर्वनाश करने वाला है नशा, छोड़ देंगे नशा तो सुधर जायेगी दशा। मुनिश्री जयदीपजी ने कहा कवि के स्वर मे वह स्पंदन हो, वह कंपन हो एवं आज भारत में भ्रष्टाचार, शिष्टाचार बन गया है। खटमल मच्छर और नेता एक समान जीवन जीते है, जीवनभर मनुष्य का खून चूसते है।
इससे पूर्व मंगलाचरण मिलन चोपडा एवं नार्थ टाऊन की बहनों द्वारा किया गया। नार्थ टाऊन अध्यक्ष संपतजी सेठिया, उपाध्यक्ष राजकरणजी बैद एवं अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललितजी आचलिया ने सभी का स्वागत किया। सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। कवित्री शोभा चोरड़िया ने जीवन का पाठ, कन्या भ्रूण हत्या की व्यथा एवं नई बहार आने दो पर कविता से अभिव्यक्ति दी। कवि जयंतिलाल जागरूक ने चारित्रात्माओ के सान्निध्य में जाने से बेहतरीन जिदंगी जीने की वजह बन जाती है। समाज मे दर्द, गुनाह एवं पैसों की बाते होती कविता के माध्यम अपनी बात रखी। कवि डॉ मन्जू रूस्तगी ने धर्म की राह पर चलने वालों को कभी वेन्टीलेटर की जरुरत नही पढ़ती। धर्म हमे मानवता सिखाती एवं भ्रुण हत्या पर बहुत ही मार्मिक कविताओं से सबका दिल जीता। कवि डॉ. अरुणा मुणोत ने आचार्यश्री महाश्रमणजी की अनेकों विषेताओं को कविता के माध्यम दर्शाया। आपने अनेक भाषाओं के ज्ञान के महत्व को कविता के माध्यम से दर्शाया। कवि केवलजी कोठारी ने तुफा मे भटकते हुए को, मांझी कस्ती के किनारे ला देना। चलाकर कोख पर खंजर, कहां जग जीत पाओगे। चिट्ठी तेरे नाम लिखी है, कविता के द्वारा वृद्धाश्रम मे जिदंगी गुजरती मां अपने पुत्र को लिखे पत्र में अपनी भावना व्यक्त की।
काव्यधारा का सफल मंच संचालन करते हुए सफल कवि मिठु मिठास ने परिन्दा उडकर तुम्हारे द्वार आया है। माँ भारती का लाल, अपना परिधान नहीं बदलता। मानवता के नाते, कर्मो को करो, चल, कपट और बल से पेट ना भरो एवं अणुव्रत के 11 नियमों पर स्वरचित कविता प्रस्तुत की। सभी पधारे हुए कवियों एवं काव्यधारा कार्यक्रम के प्रायोजक मुकेशजी रांका एवं उनके परिवार को अणुव्रत समिति चेन्नई द्वारा सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक अणुव्रत समिति कोषाध्यक्ष पंकज चोपडा के अथक श्रम एवं नार्थ टाऊन के सभी कार्यकर्ताओं के परिश्रम से कार्यक्रम सफल रहा। जैन समाज, तेरापंथ धर्म की संघीय संस्थाओं के पदाधिकारिगण एवं गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति सराहनीय रही। अणुव्रत विश्व भारती द्वारा प्रकाशित अणुव्रत डायरी के प्रायोजक श्री पवनजी आंचलिया परिवार एवं अणुव्रत सदस्यों द्वारा विमोचन किया गया। मंच का कुशल संचालन मंत्री अरिहंत बोथरा एवं आभार ज्ञापन अणुविभा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या मालाजी कातरेला ने दिया। फेसबुक लाइव में संगठन मंत्री अशोक छल्लाणी, उपाध्यक्षा मंजु गेलड़ा, सहमंत्री स्वरूप चन्द दाँती, प्रचार प्रसार मंत्री सुरेश तातेड़ एवं नार्थ टाउन तेरापंथ परिवार का कार्यक्रम की सफलता में अतुलनीय सहयोग रहा। नार्थ टाउन तेरापंथ परिवार मंत्री पुखराजजी पारख ने काव्यधारा के लिए नार्थ टाउन को मौका देने के लिए धन्यवाद दिया।