नई दिल्ली:भगौड़ा कारोबारी विजय माल्या को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपना बचाव करने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत में आखिरी मौका मिला है। माल्या को 24 फरवरी तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगौड़े कारोबारियों की वतन वापसी के लिए सरकार से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को रोकने पर विचार करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने भगौड़ा कारोबारी विजय माल्या को आखिरी मौका देते हुए आगामी 24 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि ये विजय माल्या के लिए आखिरी मौका है, जिसमें वे अपने बचाव के लिए कोर्ट में उपस्थित रहें।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सलाह दी थी कि जो भगौड़े कारोबारी पैसों का भुगतान करने के लिए तैयार हैं तो क्यों न उन्हें भारत लौटने देने और उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाहियों को रोकने पर विचार किया जाए। जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा था कि कानूनी कार्रवाई में कई वर्ष लगेंगे और एजेंसियां भगोड़े व्यवसायियों को वापस लाने के अपने प्रयास में सफल हो भी सकती हैं और नहीं भी। ऐसे में अगर भगोड़े कारोबारी पैसे लौटाने पर सहमत हैं तो सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर सकती है। इस पर भी विचार किया जा सकता है कि देश वापसी पर उनकी गिरफ्तारी न हो।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामले में पिछले वर्ष दिसंबर माह तक कुल 13,109.17 करोड़ रुपये की वसूली कर चुका है। एजेंसियों के मुताबिक, विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तिकड़ी देशभर के बैंकों को कम से कम 22 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं।