जयपुर:राजस्थान के अलवर दिव्यांग रेप केस में एक नया मोड़ आ गया है। कुछ दिन पहले घायल अवस्था में मिली मूकबधिर नाबालिग लड़की के पिता ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस घटना को हादसा मानने के लिए दबाव डाल रही है।
जांच से संतुष्ट नहीं
पीड़िता के पिता ने कहा कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें न्याय चाहिए। अलवर में नाबालिग के पिता ने सोमवार को संवाददाताओं से कहाकि पुलिस हमें यह मानने के लिये मजबूर कर रही है कि यह एक दुर्घटना थी। हम डरते हैं और केवल न्याय चाहते हैं। उन्होंने कहाकि जब लड़की को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सकों ने कहा कि यह बलात्कार जैसा मामला प्रतीत होता है। इसके बाद उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां उसकी सर्जरी की गई।
धन देने का दिया लालच
पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि अब पुलिस अधिकारी हमसे कहते हैं कि यह एक दुर्घटना है। हम इसे मान लें। हम पुलिस के दावे से संतुष्ट नहीं हैं। हमें एफएसएल रिपोर्ट का ब्यौरा नहीं दिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने कहा कि इसे दुर्घटना मान लेने पर उन्हें अधिक धन मिलेगा। नाबालिग के पिता की ओर से पुलिस पर लगाये गये आरोपों पर टिप्पणी के लिये अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम से सम्पर्क नहीं हो सका।
सीबीआई को सौंपी गई है जांच
अलवर के तिजारा फाटक के पास लड़की लहूलुहान हालत में मिली थी और उसके निजी अंगों के पास चोट लगी थी। शुरुआत में पुलिस को शक था कि यह दुष्कर्म का मामला है। लेकिन बाद में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अलवरस के पुलिस अधीक्षक ने दुष्कर्म से इनकार करते हुए इसे हादसा बताया था। राजस्थान सरकार ने 16 जनवरी को इस प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का निर्णय लिया था।