- सूर्योदय की बेला में आचार्यप्रवर ने दिया अभ्युदय का आशीर्वाद
- साध्वीप्रमुखा श्री ने व्यक्त किये अपने आत्मोद्गार
30.01.2022, रविवार, लाडनूँ, नागौर (राजस्थान)। तेरापंथ की राजधानी लाडनूँ में आज का सूर्योदय नव उल्लास उमंग के साथ उदित हुआ। तेरापंथ धर्मसंघ की असाधारण साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभा जी के चयन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव पर हर ओर साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविकाओं के हृदय में हर्षोल्लास हिलोरे ले रहा था। सूर्योदय के साथ ही साध्वीप्रमुखा श्री ने अमृतायन से आचार्य प्रवर के प्रवास की ओर प्रस्थान किया। मार्ग के दोनों और श्रद्धालु जय घोषों से मातृहॄदया प्रमुखाश्रीजी का अभिनंदन कर रहे थे। लाडनूँ की धरा पर लाडनूँ की चैतन्य रश्मि का अमृत महोत्सव नगर वासियों की प्रसन्नता को द्विगुणित कर रहा था। सुधर्मा सभा में पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में सहज ही अभिवंदना कार्यक्रम का संक्षिप्त आयोजन हो गया। आचार्य प्रवर ने आगम वाणी के पाठ द्वारा साध्वीप्रमुखा जी के प्रति अपनी अभिवंदना व्यक्त की।
आचार्यश्री ने मंगल आशीर्वाद देते हुए फरमाया कि आज का दिन अपने आप में वैशिष्ट्य लिए हुए है। आज ही के दिन माघ कृष्णा त्रयोदशी को 50 वर्ष पूर्व साध्वीप्रमुखा जी का चयन हुआ। आप 50 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही है यह धर्मसंघ की उपलब्धि है। अब शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रवेश हो रहा है। जैसे सूर्योदय प्रकाश फैलाता है उसी तरह आपका और अभ्युदय हो। आपकी साधना की तेजस्विता और बढ़ती होती रहे। आप सदा निरामयता, अध्यात्मिकता एवं चित्तसमाधि के साथ धर्मसंघ की सेवा करते रहे मंगल कामना।
असाधारण साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभा जी ने अपने आत्मोद्गार व्यक्त करते हुए कहा- तेरापंथ धर्मसंघ में कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र में विकास करता है, आगे बढ़ता है तो वह उसका कर्तृत्व नहीं सब आचार्यों का ही आशीर्वाद है, मैं ऐसा अनुभव करती हूं। परम पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी, गुरुदेव श्री महाप्रज्ञ जी और आचार्य श्री महाश्रमण जी तीनों गुरुओं का आशीर्वाद, कृपा, मार्गदर्शन प्राप्त होता है उसी के आधार पर मैं कुछ कर पाती हूं। जो कुछ है सब गुरुओं का है। आचार्यवर ऐसा आशीर्वाद दिराएँ जो मेरे कण-कण में व्याप्त हो और मैं नई ऊर्जा के साथ धर्मसंघ की सेवा करती रहूं।