नई दिल्ली:विश्वयुद्ध 2 का एक क्रैश हुआ लापता विमान 77 साल के बाद भारत के अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में मिला है। इस विमान की तलाशी में तीन गाइड की मौत हो गई। न्यूज एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट बताती है कि सी-46 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट चीन के कुनमिंग से 1945 के जनवरी के पहले हफ्ते में 13 लोगों को लेकर जा रहा था। यह एयरक्राफ्ट अरुणाचल प्रदेश राज्य के एक पहाड़ी हिस्से में तूफानी मौसम में गायब हो गया था।
क्लेटन कुहल्स ने शुरू की थी खोजबीन
क्लेटन कुहल्स सालों से इस विमान की तलाश कर रहे थे। कुहल्स को बिल शेरर द्वारा खोज करने का काम सौंपा गया था, जिसके अधिकारी पिता दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार थे। उन्होंने बताया है कि इस विमान के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिल रही थी। यह बस गायब हो गया था।
कुहल्स ने बताया है कि इस एयरक्राफ्ट को खोजने में महीनों लग गए। कुहल्स और स्थानीय लिसू जातीय समूह के गाइडों की एक टीम इस एयरक्राफ्ट की तलाश कर रही थी। मिशन के शुरुआत में ही हाइपोथर्मिया से तीन गाइड की मौत हो गई थी। लेकिन टीम ने आखिरकार पिछले महीने बर्फ से ढके पहाड़ की चोटी पर टकराए हुए एयरक्राफ्ट को देखा। जहां वे टेल नंबर से मलबे की पहचान करने में सक्षम थे।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई विमान हुए थे गायब
शेरर ने एएफपी से बात करते हुए बताया है कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैं बहुत खुश हूं। मैं बिना पिता के बड़ा हुआ हूं। मैं सिर्फ अपनी मां के बारे में सोचता हूं जो सालों से उन्हें खोज रही थी। मैं एयरक्राफ्ट के दुर्घटना के वक्त सिर्फ 13 महीने का था।
एएफपी की रिपोर्ट बताती है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत, चीन और म्यांमार में ऑपरेशन थिएटर के आसपास सैकड़ों अमेरिकी सैन्य विमान लापता हो गए थे। कुहल्स ने बताया है कि जापानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में कुछ विमानों को नुकसान हुआ था लेकिन माना जाता है कि अधिकतर विमान खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए और गायब हो गए।