पेरिस:ओमिक्रोन वैरिएंट से पैदा हुई महामारी की लहर ने फ्रांस समेत पूरे यूरोप में कोरोना की सुनामी ला दी है। यूरोप के साथ ही ब्रिटेन में भी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। फ्रांस में तो राष्ट्रपति के एक बयान के बाद भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। फ्रांस में बुधवार को कोरोना संक्रमण के रिकार्ड 3.32 लाख नए मामले सामने आए हैं। सरकार संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने के लिए तमाम पाबंदियां लगाने के साथ ही टीकाकरण को भी गति देने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के एक बयान से लोगों का गुस्सा भड़क गया है। लोगों ने संसद के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया। मैक्रों ने कहा था कि वह टीका नहीं लगवाने वालों को टीका लगवाने के लिए मजबूर कर देना चाहते हैं। ऐसे लोगों को उन्होंने गैर जिम्मेदार बताते हुए कहा था कि ये लोग नागरिक कहलाने के लायक नहीं हैं।
यूरोप के ही देश इटली में 1.89 लाख नए मिले हैं। इटली कोरोना महामारी की पहली लहर में सबसे पहले प्रभावित होने वाले यूरोपीय देश था। स्वीडन में भी रिकार्ड 17,320 नए मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन में 1.94 लाख नए मामले मिले हैं और 334 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उम्मीद जताई कि ओमिक्रोन के प्रसार को नियंत्रित कर लिया जाएगा और उसके लिए लाकडाउन लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
इजरायल में कोरोना से बचाव के लिए दूसरी बूस्टर डोज लगाई जा रही है। इसके बावजूद नए मामले बढ़ रहे हैं। बुधवार को इजरायल में रिकार्ड 11,978 नए मामले पाए गए। इससे पहले पिछले साल सितंबर में 11,345 संक्रमित मिले थे।
ओमिक्रोन को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरत सकते
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डा. एंथनी फासी ने कहा है कि ओमिक्रोन से भले ही हल्का संक्रमण हो रहा है, लेकिन इसको लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा सकती है। उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट से मामले इतने बढ़ जाएंगे कि उसके हल्के प्रभाव का असर खत्म हो जाएगा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भार बढ़ जाएगा।