नई दिल्ली: केंद्र सरकार बेघर और बिना राशन कार्ड वाले बेसहारा लोगों को रियायती दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही एक योजना लाने वाली है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने गुरुवार को बताया, ‘सरकार बिना राशन कार्ड वाले बेघर और बेसहारा लोगों का आंकड़ा जुटा रही है, ताकि उन्हें भी सब्सिडी वाले खाद्यान्न का लाभ मिल सके। यह कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि घर का पता या सही पहचान नहीं होने के कारण राज्य सरकारें इन लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध नहीं करा पातीं। नई योजना के तहत इस सबसे कमजोर वर्ग की आबादी को मदद मिल सकेगी।’
केंद्र सरकार इस योजना के तहत चार लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी। इसमें 1.47 लाख करोड़ रुपये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिए जाएंगे, जिस योजना के तहत पिछले साल 5.29 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई थी। मौजूदा समय में सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से राशन कार्ड वाले 81 करोड़ से अधिक लोगों को एक से तीन रुपये प्रति किलो की दर से खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है।
गरीबों के मुफ्त राशन पर भ्रष्टाचार का डाका डाला जा रहा है। कोटेदार मुफ्त राशन वितरण में अनियमितताएं बरत रहे हैं। कहीं निर्धारित मानकों से कम राशन बांटा जा रहा है तो कहीं बिना राशन दिए ही अंगूठे लगवाए जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में अंत्योदय व पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल मुफ्त दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय कार्ड धारकों को 15 किलो चावल और 20 किलो गेहूं मुफ्त दिया जा रहा है। इसी योजना में पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को तीन किलो गेहूं और दो किला चावल के साथ ही एक किलो नमक, एक किलो चना और एक किलो सोयाबीन रिफाइंड आयल भी नि:शुल्क दिया जा रहा है।