अमृतसर: श्री हरिमंदिर साहिब (गोल्डन टैंपल) परिसर में पाठ के दौरान शाम तकरीबन छह बजे एक अज्ञात शख्स मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब तक पहुंच गया। यह शख्स ग्रिल फांदकर अंदर घुसा। इस स्थान पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश है और सिंह साहिब को ही यहां बैठने की इजाजत है। इस घटना के बाद मुख्य भवन में अफरातफरी मच गई। एसजीपीसी कर्मियों व टास्क फोर्स ने इस युवक को पकड़कर बाहर खींचा और पीटते-पीटते शिरोमणि कमेटी कार्यालय तक ले गए। पिटाई से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलने पर सिख संगठन रोष से भर गए। सैकड़ों सिख शिरोमणि कमेटी कार्यालय तक पहुंचे। इससे पूर्व कि माहौल खराब होता, पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। एसजीपीसी का मानना है कि यह शख्स बेअदबी की नीयत से गुरु ग्रंथ साहिब तक पहुंचा था। इस दौरान उसने पावन स्वरूप के पास रखी तलवार उठाने की भी कोशिश की। सेवादारों और एसजीपीसी के टास्क फोर्स के कर्मचारियोंं ने उसे पकड़ लिया।
समाचार लिखे जाने तक व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है। यह भी स्पष्ट नहीं कि उसका मकसद क्या था। बताया जा रहा है कि 22 वर्षीय यह युवक हिंदी भाषी राज्य का था। एसजीपीसी के कर्मचारियों ने उसकी इतनी अधिक मारपीट की है कि उसकी मौके पर मौत हो गई है। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। हालत खराब न हो जाएं इस को लेकर पुलिस ने श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास भारी पुलिस कर्मी तैनात कर दिए है।
दरअसल, टास्क फोर्स के कर्मचारी आरोपी को मौके पर पकड़कर उसकी मारपीट करते हुए उसे एसजीपीसी के मुख्य कार्यालय तक ले गए। उसे तब तक पीटा गया जब वह मर नहीं गया। इसी दौरान तेजा सिंह समुद्री हाल का बाहरी गेट बंद कर दिए गया। एसजीपीसी के कार्यालय के बाहर सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ता भी पहुंचे।
पंथक जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं की अगुआई परमजीत सिंह अकाली, रणजीत सिंह दमदमी टकसाल और दिलबाग सिंह आदि कर रहे थे। सिख जत्थेबिंदियों के नेताओं का आरोप है एसजीपीसी हमेशा ही आरोपियों को पुलिस के हवाले कर देती है। जिस कारण सच्चाई का पता नहीं चल पाता है कि आरोपी किस मंशा से घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचता है। ऐसे मामलों में बेदअबी ही मुख्य वजह होती है।
15 दिसंबर को एक व्यक्ति ने श्री हरिमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर में अपनी जेब से गुटका साहिब निकालकर फेंका और बेअदबी की थी। इस घटना के आरोपित को भी पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया था। वह लुधियाना का था और मानिसक रूप में विक्षिप्त था। पुलिस ने मामला दर्ज करके उसे उसी दिन जेल भेज दिया था। आज की घटना की सूचना कुछ ही समय में दुनियाभर में फैल गई। जिसके चलते सिख पंथ में भारी रोष पैदा हो गया।
इधर, एडीसीपी हरपाल सिंह, एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, सचिव सुखदेव सिंह भूरा कोहना, श्री हरिमंदिर साहिब के मैनेजर गुरिंदर सिंह मथरेवाल आदि अधिकारी भी पहुंच गए। मामला की जांच शुरू कर दी गई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि यह दुखदायी घटना है। सिख कौम को उत्तेजित और माहौल खराब करने वाली घटना है। एसजीपीसी अपने स्तर पर इस मामले की जांच करवाएगी। इसके पीछे किसका हाथ है, यह जांच का विषय है और एसजीपीसी तह तक जाएगी।