नई दिल्ली:कनाडा की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने कहा है कि अगर ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ते हैं तो जनवरी से पहले कोरोना के रोजाना केस 10,000 तक जा सकते हैं। कनाडा में अब भी डेल्टा वैरिएंट ही सबसे ज्यादा प्रभावी स्ट्रैन है, लेकिन ओमिक्रॉन के मामलों में इजाफा हो रहा है।
अन्य प्रमुख अपडेट्स…
मदुरई में 13 दिसंबर से वैक्सीन सर्टिफिकेट के बिना नहीं मिलेगी सार्वजनिक जगहों पर एंट्री
ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए तमिलनाडु के मदुरई में सार्वजनिक स्थानों में एंट्री लेने के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है। सार्वजनिक स्थानों में बाजार, स्कूल, थिएटर, प्लेग्राउंड, रेस्टोरेंट, होटल, लॉज, इंडस्ट्रीज, फैक्ट्री, दुकानें, मंदिर और कमर्शियल एस्टैबलिशमेंट शामिल हैं। मदुरई कलेक्टर डॉ एस अनीश शेखर ने शुक्रवार को दुकानदारों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि पब्लिक हेल्थ एक्ट, 1939 के तहत कोरोना को संक्रामक रोग घोषित किया गया है।
महाराष्ट्र में 3 साल के बच्चे समेत ओमिक्रॉन के 9 मामले मिले
देश में ओमिक्रॉन के मामले 32 हो गए हैं। शुक्रवार को देश में ओमिक्रॉन के 9 नए मामले सामने आए हैं। इनमें 7 महाराष्ट्र के हैं, जबकि 2 गुजरात में मिले हैं। महाराष्ट्र में ही 3 साल का बच्चा भी ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिला है। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 7 नए मामलों में से 3 मुंबई से और 4 पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम क्षेत्र से हैं। इसे लेकर राज्य में कुल ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या अब 17 हो गए हैं।
चिंता की बात ये भी है कि कल संक्रमित मिले 7 में से 4 मरीजों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। मुंबई में संक्रमित हुए मरीजों की उम्र 48, 25 और 37 साल है। इन्होंने तंजानिया, यूके और दक्षिण अफ्रीका- नैरोबी (कीनिया) की यात्रा की थी।
ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी का दावा- ओमिक्रॉन के हल्के सिम्पटम्स के खिलाफ बूस्टर डोज 75% तक प्रभावी
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन के हल्के लक्षणों को खत्म करने में कोरोना का बूस्टर डोज 70 से 75% तक प्रभावी है। एजेंसी के मुताबिक वैक्सीन को लेकर शुरुआती अध्ययन में इस बात की जानकारी सामने आई है। जिसके डेटा यह बताते हैं कि नए वैरिएंट से पीड़ित हल्के मरीजों में वैक्सीन का बूस्टर डोज 75% तक काम करता है।
वैज्ञानिकों ने एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक के बूस्टर डोज को लेकर ओमिक्रॉन प्रभावित 581 लोगों पर हाल ही में ये रिसर्च किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन के मरीजों पर बूस्टर डोज का असर काफी कम रहा। डेल्टा वैरिएंट में वैक्सीन का असर 90% तक पाया गया।
हालांकि ये शुरुआती जानकारी है, इसलिए बेहतर होगा कि जो लोग बूस्टर डोज लेने के पात्र हैं उन्हें टीका लेना चाहिए। क्योंकि डेटा में ये बात सामने आई है कि कुछ हद तक बूस्टर डोज से नए वैरिएंट को लेकर होने वाला खतरा काफी कम हो जाता है।