कांदिवली। आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी एवं साध्वी वृन्द (ठाणा ४) के सान्निध्य में मासिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला का आरंभ हुआ। कांदीवली की बहनों द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति रही।
कांदिवली संयोजिका श्रीमती नीतू जी नाहटा ने अपनी स्वागत वक्तव्य में नारी लोक में प्रेषित विभिन्न जानकारियां बहनों को दी। साध्वी श्री मलयविभा जी ने अपने उद्बोधन में “भी और ही” के अंतर को समझाते हुए सापेक्षता वाद के सिद्धांत को समझाया। प्रेक्षा प्रशिक्षिका एवं उपासिका श्रीमती विमला जी दुग्गड ने अपने वक्तव्य में अनेकांतवाद के महत्व को बताया।
साध्वी श्री राकेश कुमारी जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में विभिन्न प्रसंगों का उदाहरण देते हुए अनेकांतवाद को किस तरह अपनी जीवन चर्या में अपनाया जा सकता है, यह प्रेरणा दी। इसके पश्चात सभी उपस्थित बहनों के ग्रूप बनाकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बहनों ने अलग-अलग रूप से प्रस्तुति देकर अनेकांतवाद के सिद्धांत का विभिन्न परिप्रेक्ष्यों में उपयोगिता/ महत्व बताया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन कोषाध्यक्ष श्रीमती अंजू जी नाहटा ने किया एवं आभार ज्ञापन सह संयोजिका श्रीमती निशा जी दुग्गड ने किया। कार्यक्रम में मुंबई महिला मंडल की टीम से श्रीमती नूतन जी लोढा, श्रीमती प्रतिमा जी पिंचा,श्रीमती विमला जी दुग्गड श्रीमती प्रीति जी बोथरा, श्रीमती निर्मला जी नौलखा आदि की विशेष उपस्थिति रही। लगभग 25 बहनें कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।
कांदिवली महिला मंडल ने किया मासिक कार्यशाला “अनेकांत” का आयोजन
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