मुंबई में थिएटर्स खुलने के बाद फिल्मों के रिलीज होने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में फिल्म “शुभ रात्रि” भी 19 नवंबर को रिलीज हुई। सॉफ्ट टच इंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी “शुभ रात्रि” के निर्माता निर्देशक राहुल प्रजापति हैं जबकि फिल्म में कर्णिका मंडल, राहुल कुमार, मेहुल भोजक, शाहिद माल्या, राजकुमार कनौजिया, जावेद हैदर, अनिता अग्रवाल, अपूर्वा कवडे आदि कलाकारों ने काम किया है। फिल्म का लेखन राजन अग्रवाल ने किया है तथा कोरियाग्राफर अनीस खान और पीसी झवेरी हैं जबकि एक्शन डायरेक्टर मुकेश राठौड़ हैं। फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री और बदले की कहानी है, जिसे निर्देशक राहुल प्रजापति ने बड़े रहस्यमय ढंग से पेश किया है।
कहानीः फिल्म की शुरुआत एक मर्डर से होता है जिसमें बाइक सवार अपराधी अपने घर जा रही एक लड़की को चलती बाइक से एक लोहे की रॉड से मारते हैं और उसकी मौत हो जाती है। उसके बाद फिल्म में एक हाईप्रोफाइल लड़की राजलक्ष्मी (कर्णिका मंडल) को पार्टी करते दिखाया गया है। पार्टी के बाद वह कार से अपने घर निकलती है तथा रास्ते में एक्सीडेंट हो जाता है और वह बेहोश हो जाती है। वहां एक युवक आदित्य (मेहुल भोजक ) आकर देखता है और उसे जल्दी से अस्पताल पहुंचाता है तथा उसके घर पर सूचना देता है। राजलक्ष्मी को कुछ दिन अस्पताल रहने के बाद छुट्टी मिल जाती है लेकिन आदित्य से मिलने जुलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बीच राजलक्ष्मी की दादी उसके पास आने वाली होती हैं, उनके लिए राजलक्ष्मी आदित्य से बंग्ले का इंतजाम करने के लिए कहती है, जिसके लिए आदित्य अपना बंग्ला दे देता है। कहानी आगे बढ़ती है दादी राजलक्ष्मी की शादी के लिए लड़का तलाशती है जिसे बाद में आदित्य द्वारा उसकी छानबीन किए जाने के बाद पता चलता है कि वह फ्रॉड है, इसलिए उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। बाद में दादी को पता चलता है कि राजलक्ष्मी और आदित्य एक-दूसरे से प्यार करते हैं तो वह उनकी शादी करवा देती है लेकिन सुहागरात की रात में करेक्ट 12 बजे राजलक्ष्मी आदित्य का खून कर देती है। इस बीच कई रोमांचक घटनाएं भी होती हैं लेकिन राजलक्ष्मी द्वारा आदित्य के खून का रहस्य जानने के लिए थिएटर जाकर फिल्म “शुभरात्रि” जरूर देखें। फिल्म के निर्माता निर्देशक राहुल प्रजापति ने खुद भी एक खलनायक का किरदार निभाया है, जो काफी दिलचस्प है।
अभिनय/निर्देशनः फिल्म में मुख्य किरदार राजलक्ष्मी के रूप में कर्णिका मंडल का है। कर्णिका का यह डेब्यू फिल्म है जिसे उन्होंने अपने तरीके से ठीक ठाक निभाया है जबकि फिल्म के मुख्य अभिनेता शाहिद माल्या साधारण दिखे हैं। फिल्म के अन्य किरदारों की बात करें तो वे भी कुछ खास नहीं कर पाए हैं, इसके बावजूद फिल्म का रहस्य और रोमांच दर्शकों को बांधे रखता है। निर्देशन राहुल प्रजापति का है जो फिल्म की कहानी के अनुरूप बेहतर है। लोकेशन भी फिल्म के हिसाब से ठीक ठाक हैं।
संगीतः फिल्म में कई गाने हैं, लेकिन वे भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं।
कुल मिलाकर रहस्य रोमांच प्रेमी दर्शकों के लिए यह फिल्म बेहतर हो सकती है। “सुरभि सलोनी” की तरफ से फिल्म को 2.5 स्टार।
- दिनेश कुमार ([email protected])