गोरखपुर:कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या के आरोपित छह पुलिसवाले एक दिसम्बर तक गोरखपुर जेल में ही रहेंगे। सीबीआई ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने का सीजीएम कोर्ट से अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इससे पहले केस की विवेचना सीबीआई के सुपुर्द होने की जानकारी अदालत को दी गई।
कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता अपने दो साथियों गुड़गांव के हरबीर और प्रदीप के साथ 27 सितम्बर की सुबह गोरखपुर घूमने आए थे। गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में स्थित होटल में ठहरे थे। 27 की आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस पर मनीष की पिटाई कर हत्या का आरोप है। इस मामले में मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने में इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा और विजय यादव को नामजद तथा तीन अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज किया गया था। मामले की जांच एसआईटी कानपुर को दी गई थी एसआईटी ने अपनी विवेचना में तीन अज्ञात पुलिसवालों को नामजद करते हुए छह पुलिसवालों को आरोपित बनाया और साक्ष्य छिपाने की धारा भी बढ़ाई। एसआईटी ने गोरखपुर पुलिस की सहयोग से सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
दो नवम्बर को सीबीआई ने मनीष गुप्ता का केस अपने हाथ में लेते हुए मुकदमा दर्ज किया था। तीन नवम्बर को गोरखपुर जेल में बंद आरोपित पुलिसवालों की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी। तब एसआईटी कानपुर ने तीन नवम्बर को न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। 11 नवम्बर से गोरखपुर आई सीबीआई टीम केस से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है। टीम ने अभी उन लोगों से पूछताछ की है जिनकी सीधे तौर पर कोई भूमिका तो नहीं है पर उनके जरिये घटना के बारे में जानने का प्रयास किया है।
इस बीच आरोपितों की न्यायिक हिरासत 17 नवम्बर को समाप्त हो रही थी। एसआईटी ने केस को सीबीआई को हैंडओवर कर दिया था। बुधवार को सीबीआई ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर केस अपने हाथ में लेने की जानकारी दी और आरोपित पुलिसवालों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया। कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए एक दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।