पुणे:महाराष्ट्र में 800 जिला परिषद स्कूलों की बत्ती गुल कर दी गई है। दरअसल इन स्कूलों ने बिजली का बकाया बिल नहीं दिया है जिसकी वजह से स्कूलों में बिजली काट दी गई है। जिला परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल)ने कम से कम 800 स्कूलों की बिजली काट दी है क्योंकि उन्होंने पिछला बकाया भुगतान नहीं किया है।
अधिकारी ने बताया कि इन सभी स्कूलों को मिलाकर कुल बकाया करीब 2 करोड़ रुपया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बिजली का बिल भुगतान नहीं करने की वजह से इन स्कूलों की बत्ती गुल कर दी गई है। खास बात यह भी है कि कोविड-19 महामारी के दौरान यह सभी स्कूल बंद थे।
पुणे जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद ने कहा, ‘लगभग 800 स्कूलों में बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई है। बिजली सप्लाई बंद होने की वजह बिजली बिल का बकाया है और गलत बिल के संबंध में एमएसईडीसीएल से बात की गई है।’
आयुष प्रसाद ने कहा कि ग्राम पंचायतों को स्कूल विकास फंड के जरिए बिजली बिल के भुगतान की अनुमति दी गई है। इन स्कूलों को फिर से खोलने से पहले तैयारी के तौर पर इनकी जांच की गई है।
जांच-पड़ताल के दौरान यह पता चला कि कुछ स्कूलों की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई है। जब स्कूल प्रशासन से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तब उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा दिये गये फंड का अब तक डिस्ट्रिब्यूशन नहीं हुआ है।
सीईओ ने कहा, ‘पुणे जिले में करीब 4600 स्कूल हैं। इनमें से 800 स्कूलों की बिजली चली गई है। इन स्कूलों का कुल बकाया बिल 2.28 करोड़ रुपया है। हमने इस संबंध में पैसों के लिए सरकार से आग्रह किया है। हमने ग्राम पंचायतों को भी अनुमति दी है कि वो स्थानीय फंड से बकाये बिल को भरें’
अधिकारी ने कहा कि इसमें से कुछ बिल का भुगतान पहले हुआ है, लेकिन बिजली की सप्लाई अभी तक वहां भी नहीं हुई है। हमने इस संबंध में एमएसईडीसीएल से भी बातचीत की है। इसके अलावा कुछ स्कूलों का इस्तेमाल क्वारन्टीन सेंटर के तौर पर भी किया गया था लिहाजा ग्राम पंचायतों से कहा गया है कि इस दौरान आए बिजली बिल का भुगतान राज्य आपदा प्रबंधन फंड से किया जाए।