नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों को आगे बढ़कर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने का आग्रह किया है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की सोमवार को हुई बैठक में कई ऐसे फैसले किए गए हैं जो देशभर में कारोबार के लिए बेहतर माहौल बनाएंगे और ढांचागत विकास की प्रक्रिया को तेज करेंगे। इसके लिए केंद्र की तरफ से राज्यों को 22 नवंबर तक कुल 95,082 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री के साथ राज्यों के शीर्ष पदों पर आसीन नेताओं की यह अपनी तरह की पहली बैठक थी।
उद्देश्य यह था कि मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में भारत के समक्ष विकास के जो अवसर बने हैं उसका फायदा केंद्र और राज्य मिलकर उठाएं और भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत इकोनामी के तौर पर स्थापित करें। अपनी शुरुआती भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद भारतीय इकोनामी की स्थिति काफी सुधर चुकी है। आयात, निर्यात, मैन्यूफैक्चरिंग, डिजिटल भुगतान आदि से जुड़े आंकड़े काफी उत्साहित करने वाले हैं।
भारत को लेकर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का सोच भी काफी सकारात्मक है। ऐसे में राज्यों को आगे आकर ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा निवेश आ सके। सीतारमण ने कहा कि राज्यों की मदद से भारत आने वाले वषरें में दुनिया की सबसे तेजी से विकसित इकोनामी बन सकता है। वित्त मंत्री ने केंद्र की तरफ से राज्यों को हर वित्तीय मदद का आश्वासन दिया।
राज्यों को केंद्र की सलाह
– बिजली वितरण में सुधार और ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन से होने वाली हानि को कम करने होंगे
– उद्योग जगत के लिए जमीन अधिग्रहण एक बड़ी समस्या है, समाधान राज्यों को ही करना होगा
– राज्यों को विभिन्न प्रक्रियाएं आसान बनाने समेत लैंड बैंक की योजना पर भी काम करना होगा
– शहरी निकायों में सुधार को तेज करना होगा ताकि वे बाहर से अधिक पूंजी जुटा सकें