नई दिल्ली। हेट स्पीच पर भारत में दोहरे मानदंड अपनाने के सवाल पर फेसबुक को संगीन सवालों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। सरकार ने सोशल मीडिया दिग्गज की घेरेबंदी करते हुए सवालों की एक लम्बी फेहरिस्त फेसबुक चीफ मार्क जकरबर्ग को भेजी है। दूसरी ओर, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति पर भी इस मामले में पहलकदमी का दबाव बढ़ गया है। आईटी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार फेसबुक पर हेट स्पीच संबंधी ताजा खुलासों को लेकर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इसके लिए फेसबुक को पत्र लिखकर 25 से अधिक सवाल पूछे गए हैं। कंपनी से पूछा गया है कि वह भारत में हेट स्पीच को रोकने के दोहरे मानदंड क्यों अपना रही है। यह भी कि उसने इंडिया स्पेसिफिक क्या कदम उठाए हैं ताकि फेसबुक का इस्तेमाल वैमनस्य फैलाने के लिए न हो।
भारत में हेट स्पीच रोकने में बेहद कम खर्च करती है फेसबुक
हेट स्पीच रोकने के लिए उसकी अन्य देशों में पॉलिसी, अमेरिका में किए जा रहे उपायों और भारत में किए जा रहे खर्च की तुलना भी पूछी गई है। यह सवाल इस लिहाज से अहम है कि भारत में 40 करोड़ एफबी यूजर्स होने के बावजूद कम्पनी हेट स्पीच रोकने के बारे में 87% खर्च अमेरिका में करती है। भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय समिति भी मामले को संज्ञान में लेगी। व्हिसल ब्लोअर फ्रांसिस हॉगेन के खुलासे के बाद संसदीय समिति फेसबुक के प्रतिनिधियों को गवाही के लिए तलब करने से लेकर हॉगेन को अपना पक्ष स्वयं रखने या अपना प्रतिवेदन भेजने के लिए भी कह सकती है।सरकार और संसदीय समिति पर सिविल सोसायटी का भी दबाव बढ़ रहा है।
हेट स्पीच पर भारत में घिरी फेसबुक: सरकार ने सवालों की फेहरिस्त मार्क जकरबर्ग को भेजी, संसदीय समिति भी ले सकती है संज्ञान
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