नई दिल्ली:अफगानिस्तान की बदली परिस्थितियों में भारत आए और यहां पहले से मौजूद अफगान नागरिकों को गृह मंत्रालय स्टे वीजा देगा। इससे ये लोग लंबे समय तक भारत में रह सकेंगे। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से वहां के कुल 53 नागरिक भारत आए हैं। इनमें 34 पुरुष, 10 बच्चे और नौ महिलाएं हैं। भारत आए अफगान नागरिकों में 28 मुस्लिम जबकि बाकी 25 सिख हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के बाद भारत आए अफगान नागरिकों को पहले ई-इमर्जेसी एक्स मिस्लेनियस वीजा दिया गया था। यह वीजा विदेशी नागरिकों को भारत में छह महीने तक रहने की अनुमति देता है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया है कि अफगान नागरिकों को मिले इन वीजा को अब बदलकर स्टे वीजा कर दिया गया है। फिलहाल स्टे वीजा के आधार पर अफगान नागरिक एक साल तक भारत में रह सकेंगे।
इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकेगा। भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को लांग टर्म वीजा दिया जाता है। इन अल्पसंख्यक समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोग हैं। यह भी भारत में लंबे समय तक रहने का वीजा है। इस वीजा पर सात साल तक रहा जा सकता है। इसके बाद भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
स्टे वीजा प्राप्त करने के लिए अफगान नागरिकों को फारनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन आफीसर को अपना आवेदन देना होगा। जब इस वीजा की अवधि खत्म हो रही होगी, उससे एक महीने पहले इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि अफगान नागरिकों ने पिछले महीने नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) कार्यालय के सामने एक तीसरे देश में शरणार्थी और पुनर्वास विकल्पों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों ने पुनर्वास के लिए शरणार्थी का दर्जा देने की मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) कार्यालय के सामने प्रदर्शनकारियों ने हमें भविष्य चाहिए, हमें न्याय चाहिए जैसे नारे लगाए थे।