- सड़कों पर गोवंश को छोड़ने वालों पर भी अब लगेगा जुर्माना
- गोहत्या के विरोध में सख्त विधेयक का मुशीर इकबाल ने किया स्वागत
प्रभुनाथ शुक्ल/भदोही। भदोही हज सेवा समिति के ज़िला अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकरता मुशीर इकबाल ने योगी सरकार की तरफ़ से गोहत्या के विरोध में सख्त विधेयक पास कराने का स्वागत किया है। लेकिन उन्होंने सरकार से बीफ निर्यात पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। मुशीर इकबाल ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार गाय और उसके नस्ल के जानवरों को यानी बैल व सांड के बारे मे ज्यादा गम्भीर है। गोहत्या की रोक थाम के लिए सन् 1955 में बनाये गये कानून को और सख्त बना दिया है। ज़ाहिर है गोहत्या की हिमायत कोई भी नही करता है। इसी वजह से सन् 1955 से यूपी में कहीं गाय का मांस नही बिकता है। सभी शहरों में भैंस ही कटती थी। अंग्रेजी शब्द में उसे बीफ कहा जाता है। योगी सरकार में तीन वर्ष से भैंस काटने पर भी प्रतिबन्ध है। जिस कारण हजारों कुरैश समाज के परिवार जो इस व्यवसाय से जुङे थे भूखमरी के कगार पर हैं। सरकार को कोई ठोस फैसला करना चाहिए ताकी कुरैश बिदारी के सामने उत्पन्न रोज़ी रोटी की समस्या का निदान निकल पाए।
इस नये विधेयक के लागू हो जाने के बाद अब गोहत्या करने वालों पर दस वर्ष तक की सज़ा और पांच लाख की जुर्माना अदा करना पङ सकता है। इसके अलावा गाय और बैल के अंगो को नुकसान पहुँचाने वालों को भी सात साल की सज़ा और तीन लाख का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। इस कानून में नयी बात यह है कि जो लोग अपनी गाय को खाना पीना नहीँ देंगे उनको भी कम से कम एक साल की सज़ा होगी। क्योंकि जब गाय दूध देना बन्द कर देती है तो गाय से वर्षो तक पैसा कमाने वाले लोग उसे आवारा छोङ देते है।और वह बेचारी कूङा करकट खा कर प्लास्टिक की थैलिया निगलकर,सब्ज़ी व तरकारी बेचने वालो की दुकानों पर मुंह मारकर और किसानों की फसल चट कर अपनी भूख मिटाती है।
यूपी सरकार सड़कों पर अपनी गाय छोङने वालों पर भी सख्ती से पेश आये और उनपर भी जुर्माना लगाएं। सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओ के सिंग मारकर घायल करने, किसी की गाङी को नुकसान पहुँचाने या किसी की जान लेने पर पीड़ित व्यक्ति को सरकार मुआयज़ा दे।