नई दिल्ली:राजधानी के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी मरकज में मौजूद कुछ लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। लॉकडाउन के बावजूद हुए इस धार्मिक समारोह में सैकड़ों लोग मौजूद थे। अब सभी को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया जा रहा है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुल सुबह करीब 9 बजे तक मरकज बिल्डिंग से 860 लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है, अभी 300 और लोगों को निकाला जाएगा।
सोमवार शाम को मामले के खुलासे के बाद से ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कि गए हैं। डीटीसी की बसों से लोगों को चेकअप के लिए अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। अब तक 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि मरकज में शामिल गई लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थय संगठन की टीम ने इलाके का दौरा किया है। पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
निगरानी में इमारत
मरकज इमरात की इस समय ड्रोन से निगरानी चल रही है। मेडिकल टीम और पुलिस भी इमारत में मौजूद हैं। सभी लोगों पर नजर रखी जा रही है। पुरे इलाके के अलग-थलग कर दिया गया है। यहां से कोई ना तो बाहर जा सकता है और ना ही बाहर का कोई व्यक्ति इमारत के आसपास जा सकता है। इमारत में मौजूद लोगों को भी दूर-दूर कर दिया गया है।
पूरे इलाके को किया जाएगा सैनिटाइज
दक्षिणी नगर निगम से एक टीम को पूरे इलाके को सैनिटाइज करने के लिए बुलाया गया है। प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है। लोगों को अस्पताल ले जाए जाने से पहले उनका नाम, पता, कॉन्टैक्ट नंबर और उनके यहां आने की तिथि आदि का ब्योरा लिया जा रहा है।
मरकज की सफाई
मरकज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 24 मार्च को हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ ने 24 मार्च को नोटिस जारी करके मरकज परिसर को बंद करने को कहा था। उसी दिन इसका जवाब देते हुए कहा गया था कि निदेशों का पालन किया जा रहा है और 15 सौ लोग (23 मार्च) को ही निकल गए। इसके बाद अलग-अलग राज्यों और विदेशी मेहमान सहित करीब 1000 लोग वहां बच गए थे।
मरकज की ओर से कहा गया है कि उन्होंने एसडीएम से वाहनों के लिए पास की मांग की थी ताकि लोगों को उनके मूल स्थानों तक भेज सकें। 17 वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर, चालकों के नाम और लाइसेंस का ब्योरा जमा कराया गया था। लेकिन इस पर अब तक जवाब नहीं मिला है।