औरंगाबाद। औरंगाबाद से जालना की ओर बढ़ते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी आदि थाना 7 का दिनांक 16 एवं 17 जनवरी का रात्रिकालीन प्रवास क्रमशः गुरु मिश्री होमियोपैथिक मेडिकल महाविद्यालय एवं बद्रीनारायण बारेम्वाला महाविद्यालय में हुआ। साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा – आप सभी विशेष अध्ययन के लक्ष्य से छात्रावास में अध्ययनरत हैं ।सफलता हर व्यक्ति को के लिए काम्य है। पर उसे प्राप्त करना किसी के लिए सहज नहीं है कठोर श्रम के साथ एकाग्रता और धैर्य की युति आवश्यक है।
साध्वी श्री जी इस संदर्भ में महाप्राणध्वनि, कार्योत्सर्ग, सर्वेन्द्रिय संयममुद्रा एवं अनुप्रेक्षा के प्रयोग करवाएं। इन प्रयोगों को सभी ने सराहा एवं नियमित इन प्रयोगों को करते रहने का संकल्प व्यक्त किया।
प्रबुद्ध साध्वी डॉ योगक्षेमप्रभा जी ।ने अपने वक्तव्य में कहा विद्यार्थी जीवन तपस्वी का जीवन है पर आधुनिक युग में विद्यार्थियों के सामने नाना प्रकार के आकर्षण हैं जो उनकी एकाग्रता को विखंडित करते रहते हैं। इन आकर्षणों में एक बड़ा आकर्षण है मोबाइल का उपयोग। विद्यार्थियों को सलक्ष्य इसके उपयोग में विवेक का प्रयोग करना चाहिए।
साध्वी लावण्यप्रभा जी ने इस अवसर पर मधुर गीत का संगान किया । गुरु मिश्री महाविद्यालय की वार्डन श्रीमती रज्जना बैद ने साध्वी श्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की एवं बद्रीनारायण महाविद्यालय की वार्डन योगिता ढेंगले ने साध्वीवृंद की सत् शिक्षा के प्रति अहोभाव व्यक्त करते हुए पुनः पधारने की प्रार्थना की ।साध्वी श्री जी के इस मोटिवेशनल प्रवचन का सभी छात्राओं पर गहरा प्रभाव पड़ा सब ने अपने जीवन में इस अच्छी बातों को उतारने का संकल्प व्यक्त किया।
महाविद्यालय की छात्राओं ने सीखे सफलता के गुर
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