ठंडा तेल भले ही कुछ देर की ताजगी का एहसास कराए, लेकिन इसकी दुश्वारियां ज्यादा हैं। रोजाना इस्तेमाल से लत बन रहे इस तेल में कपूर की ज्यादा मात्रा मस्तिष्क की कोशिकाओं को खत्म कर रही है। इससे लकवा का खतरा भी बढ़ रहा है। सिर को ठंडा रखने व थकान को दूर करने के लिए आमतौर पर महिलाएं इस तेल की आदी हो जाती हैं। इसे सिर पर लगाए बिना नींद नहीं आती। धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ती जाती है और एक समय ऐसा आता है जब तेल न लगाने पर चिड़चिड़ाहट तथा बेचैनी होने लगती है।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने ठंडा तेल पर शोध किया है। ऐसे मरीजों पर अध्यन किया गया जो रोजाना यह तेल लगाते थे। प्रो. विजयनाथ मिश्र व उनकी टीम द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि ठंडा तेल में मानक से ज्यादा मिले कपूर व पिपरमिंट से मस्तिष्क की कोशिकाए मर रही हैं। प्रो. विजयनाथ मिश्र द्वारा पूर्व में ठंडा तेल को लेकर किया गया शोध जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में (मई 2014) में प्रकाशित हुआ। जिसमें इस तेल के उपयोग से माइग्रेन के साथ ही मानसिक परेशानियों के बढ़ने का जिक्र किया गया।
इसके बाद प्रो. मिश्र व इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस के डॉ. अभय सिंह ने मिलकर बीते पांच साल में ठंडा तेल पर रिवाइज अध्ययन किया। जिसमें पांच सौ ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जो रोजाना ठंडा तेल लगाते हैं। यह अध्ययन बीते सितम्बर माह में आईजीएम पब्लिकेशन के जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में जमा किया गया। प्रो. मिश्र ने बताया कि कपूर की ज्यादा मात्रा के चलते ब्रेन के सेल मर जाती हैं।
न्यूरोलॉजी विभाग की शोध छात्रा स्मृति सिंह ने केंद्र सरकार से ठंडा तेल पर विस्तृत अध्ययन के लिए प्रप्रोजल जमाकर अनुमति मांगी है। सर सुन्दरलाल अस्पताल के न्यूरोलॉजी की ओपीडी में में बीते पांच साल में करीब 18 सौ से अधिक मरीजों ने ठंडा तेल के बिना नींद न आने की समस्या बताई। तेल न लगाने पर चक्कर व बेहोशी की दिक्कत का भी जिक्र किया। करीब 128 मरीज ऐसे मिले जो इस तेल को नाक से पीते हैं। कुछ दर्द निवारक मलहम तक को खा जाते हैं। बीएचयू आईएमएस में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विजयनाथ मिश्र के अनुसार ठंडा तेल में मिले कपूर की परत सिर पर जम जाती है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती है। यह स्थिति लकवा होने का बड़ा संकेत है।
पूर्वांचल में 157 प्रकार के ठंडा तेल
सिरदर्द, थकान, अनिद्रा जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने के नाम पर पूर्वांचल में करीब 157 प्रकार के ठंडा तेल बिकते हैं। इनमें मानक की अनदेखी की जाती है। तेल में 11 फीसदी से ज्यादा कपूर की मात्रा नहीं होनी चाहिए। कपूर की मात्रा ज्यादा होने पर आंखों की रोशनी कम हो सकती है और ब्रेन में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। दिमाग की नसें कमजोर हो जाती हैं। जिससे हाइपरटेंशन व लकवा की दिक्कत होती है।
क्यों होता है सिरदर्द
तनाव, अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम, अपर्याप्त नींद और भूख, के चलते सिर दर्द होता है। अत्याधिक शोरगुल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक प्रयोग करना भी एक कारण है। अधिक सोचना, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से भी यह समस्या होती है।
स्ट्रोक
कुछ लोगों को स्ट्रोक के शुरुआती दिनों में तेज सिर दर्द व मिचली की समस्या होती है। स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की सप्लाई ठीक से नहीं होती। ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलने से कोशिकाएं मरने लगती हैं।