नई दिल्ली:चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग भले ही न हो पाई हो, लेकिन ऑर्बिटर ने चांद पर सोडियम, कैल्शियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम और आयरन ढूंढ निकाले हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह अहम जानकारी देते हुए बताया कि ऑर्बिटर में मौजूद 8 पेलोड ने आवेशित कणाें व इसकी तीव्रता का पता लगा लिया है।
इसरो ने ट्वीट कर दी जानकारी
आर्बिटर के ‘जियोटेल’ या पृथ्वी के मैग्नेटोस्फेयर के भाग से गुजरते समय आवेशित कणों के असमान घनत्व का पता चला है। मैग्नेटोस्फेयर पृथ्वी के आस-पास अंतरिक्ष में एक क्षेत्र है, जहां पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र सूर्य द्वारा जारी आवेशित कणों को प्रभावित करता है। उधर, जियोटेल पृथ्वी से कई लाख किमी दूर स्थित है। इसरो ने ट्वीट किया- ‘‘हर 29 दिन पर चंद्रमा करीब 6 दिनों के लिए जियोटेल से गुजरता है। चूंकि चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में है, इसलिए इसे भी यह मौका हासिल हुआ और इस दौरान इसमें लगे उपकरणों ने जियोटेल के गुणों का अध्ययन किया। आर्बिटर के विशेष उपकरण ‘क्लास’ ने इसमें अहम भूमिका निभाई।’’
बेहतरीन काम कर रहे पेलोड
चंद्रयान-2 पर क्लास इंस्ट्रूमेंट को चंद्रमा की मिट्टी पर मौजूद तत्वों को खोजने के लिहाज से डिजाइन किया गया था। इसरो ने जानकारी दी कि पेलोड अपना काम बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं। यह ऐसे समय में हुआ जब सूर्य किसी अन्य समय के मुकाबले बेहद शांत अवस्था में था। वहीं भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु में भौतिकी के सहायक प्रोफेसर निरुपम रॉय ने कहा मैग्नेटोस्फेयर से गुजरते समय, पेलोड ने आवेशित कणों में तीव्रता की भिन्नता का पता लगाया। यह अपेक्षित है, क्योंकि सौर हवा इन कणों को असमान रूप से छोड़ती है और यह चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होती है।
यूएई के हज़्ज़ा अल मंसूरी ने अंतरिक्ष से ली मक्का की फोटो शेयर की
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पहले अंतरिक्ष यात्री हज़्ज़ा अल मंसूरी ने अंतरिक्ष से इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का की ली एक तस्वीर साझा की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से ग्रैंड मस्जिद (मस्जिद अल हरम) की तस्वीर साझा करते हुए लिखा- ‘यह वही जगह के रूप में जानी जाती है, जो मुसलमानों के दिलों में रहती है।’ 8 दिन अंतरिक्ष में गुजारने के बाद वे गुरुवार को धरती पर लौट आए।
चंद्रयान-2: ऑर्बिटर ने चांद पर कैल्शियम, आयरन समेत 6 तत्व खोजे
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