वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कंप्यूटर नेटवर्क्स को विदेशी हमलों से सुरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल का ऐलान कर दिया है। बुधवार शाम उन्होंने इससे जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद कोई भी अमेरिकी कंपनी उन विदेशी टेलिकॉम कंपनियों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की आशंका होगी। माना जा रहा है कि ट्रम्प प्रशासन इस कदम से चीनी कंपनी हुवावे को निशाना बनाना चाहता है।
दरअसल, अमेरिका समेत कई देश आशंका जता चुके हैं कि चीन हुवावे के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल यूजर्स की जासूसी के लिए करता है। इसी के चलते कंपनी को अमेरिका के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ट्रम्प प्रशासन साथी देशों पर भी हुवावे की 5जी तकनीक का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहा है।
ट्रम्प के आदेश में क्या?
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिका को उन विदेशी कंपनियों से बचाने की कोशिश कर रहे हैं जो संचार व्यवस्था की कमियों का फायदा उठाने की कोशिश में जुटे हैं। इस आदेश के जरिए अमेरिकी वाणिज्य मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा देखते हुए किसी भी लेन-देन को रोक सकते हैं। इस फैसले के बाद अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन के चेयरमैन अजीत पाई ने इसे अच्छा कदम बताया। जहां अमेरिका पहले ही सरकारी व्यवस्था में हुवावे के उत्पादों के इस्तेमाल पर बैन लगा चुका है, वहीं ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी 5जी नेटवर्क्स पर हुवावे के उत्पादों को बैन कर दिया है।
5जी में पहले ही पिछड़ चुका है अमेरिका: हुवावे
वहीं, हुवावे ने कहा कि वह अमेरिकी नेटवर्क के लिए किसी तरह का खतरा नहीं पैदा करती, क्योंकि कंपनी चीनी सरकार से आजाद है। गुरुवार को बयान जारी कर हुवावे ने कहा कि हमें बैन करने से अमेरिका मजबूत और सुरक्षित नहीं होगा, बल्कि इससे देश को किसी दूसरे महंगे विकल्प को ढूंढना पड़ेगा। अमेरिका पहले ही 5जी तकनीक में पिछड़ गया है।
ट्रम्प ने अमेरिकी तकनीक पर खतरे की आशंका जताई, इमरजेंसी का ऐलान किया
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