मुंबई। जैसे-जैसे मुंबई में लोकसभा चुनाव की तारीख पास आती जा रही है मतदाताओं की नाराजगी भी खुलकर सामने आती जा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर कांग्रेस प्रत्याशी एकनाथ गायकवाड़ पर पड़ रहा है जो चुनावी वैतरणी पार करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार दक्षिण मध्य मुंबई में इस बार उत्तरभारतीय मतदाताओं ने गायकवाड़ के विरोध का मन बना लिया है। गायकवाड़ ने समय रहते यदि इस पर ध्यान नहीं दिया तो इस बार भी उन्हें लेने के देने पड़ सकते हैं।
मुंबई में 29 अप्रैल को मतदान होना है। दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा क्षेत्र में बहुत बड़ी तादात उत्तरभारतीयों की है। अधिकांश उत्तरभारतीय सब्जी-भाजी,फल और वड़ा-पाव जैसे व्यवसाय में कार्यरत हैं जबकि काफी बड़ा समुदाय ऑटो रिक्शा चालन सहित अन्य छोटी बड़ी गाड़ियों के व्यवसाय में लगा है। बताया जा रहा है कि बहुत बड़ी संख्या में उत्तरभारतीय मतदाता गायकवाड़ का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने 2014 के पहले सांसद रहते हुए इस समुदाय को विकास के कार्यों से उपेक्षित रखा। उत्तरभारतीय मतदाताओं की नाराजगी इस वजह से भी और बढ़ जाती है कि गायकवाड़ की बेटी वर्षा गायकवाड़ ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहते हुए भी उनकी मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए कुछ खास प्रयास नहीं किए।
दूसरी ओर, गायकवाड़ के मुकाबले में शिवसेना-भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार राहुल शेवाले ने सांसद रहते हुए हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। बता दें कि मुंबई महानगर पालिका में शिवसेना काबिज है और मुंबई मनपा के कराए गए कार्यों का श्रेय भी शिवसेना उम्मीदवार राहुल शेवाले को मिल सकता है। उधर, बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार शकील ने भी मुस्लिम और उत्तरभारतीय मतदाताओं में जबरदस्त सेंध लगा रखी है, जिसका सीधा सा नुकासान गायकवाड़ को उठाना पड़ सकता है।
दक्षिण मध्य मुंबई: कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है उत्तरभारतीयों की नाराजगी
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