नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की बुधवार को घोषणा की। इसके साथ ही कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया वादा पूरा हो गया है। इससे पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भी किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है। तीनों राज्यों में कर्जमाफी के बाद राहुल गांधी एक ट्वीट किया। राहुल ने कहा कि वादा हमने 10 दिन के भीतर का किया था, लेकिन हमने 2 दिन के भीतर ही इसे कर दिया। किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा के बाद गांधी ने ट्वीट कर कहा “काम पूरा हुआ। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने किसानों के कर्ज माफ किए।”
राजस्थान में किसानों के दो लाख रुपये माफ
अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सहकारी बैंकों से लिए गए दो लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण राज्य सरकार माफ करेगी। उन्होंने कहा कि इस कर्जमाफी से राज्य के खजाने पर कुल 18,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। दो दिनों पूर्व मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद गहलोत ने कर्जमाफी के आदेश जारी करने के लिए अधिकारियों से कहा था। उसी दिन उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई थी, जहां मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार गठन के 10 दिनों के भीतर किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था। इस वादे को पूरा करने के लिए हमने कृषि ऋण माफी की घोषणा की है।” गहलोत ने कहा, “पिछली सरकार ने किसानों की मदद नहीं की और उसने सिर्फ 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ किए थे। लेकिन हमने सहकारी बैंकों के दो लाख रुपये तक के ऋण माफ करने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत, वाणिज्यिक और अन्य बैंकों से लिए ऋण यदि किसान चुकता करने में अक्षम हैं, तो वहां भी दो लाख रुपये की ऋण माफी दी जाएगी। गहलोत ने कहा, “राजस्थान के किसानों ने कभी आत्महत्या नहीं की। पिछले कुछ सालों में यह सुनने को मिला कि वे आत्महत्या को मजबूर हुए हैं, जो कि बहुत दुखद है। इसलिए हमने इस तरह के किसानों के कर्ज माफ करने का निर्णय लिया है, जो किसी परिस्थितिवश अपने कर्ज लौटाने में अक्षम हैं। उनके 30 नवंबर, 2018 तक के कर्ज माफ किए जाएंगे।”
उल्लेखनीय है कि इसके पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह की कर्जमाफी की घोषणा की गई है, जहां कांग्रेस ने हाल के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर सरकारें बनाई हैं।