मुंबई। शासन श्री साध्वी श्री जिनप्रभाजी आदि साध्वी वृन्द के सानिध्य में आचार्य श्री महाश्रमण जी का 62 वां जन्मोत्सव एवं पटोत्सव का कार्यक्रम वालचंद हाईट कस्तुरी हओस्पइपटल के सामने भायंदर पश्चिम मे आयोजित किया गया नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।
अणुव्रत उपसमिति संयोजिका संगीता जी हिंगड़ ने मंगलाचरण किया वंदना सुराणा ,राजीव गिया, कुलदीप लोढा ने सुमधुर गीतिका द्वारा गुरुदेव की अभिवंदना की। साध्वी जितेंद्र प्रभा जी ने अपने वक्तव्य भक्ताम्बर के श्लोक को प्रस्तुत कर गुरुदेव का गुणानुवाद कर उन गुणों का हम सभी मे संक्रमण हो यह मंगल कामना की मुमुक्षु दिव्या फूलफगर ने प्रेरणा दी कि गुरुदेव के भायंदर आगमन पर उनके साथ और भी मुमुक्षु तैयार हो जिन्हें भायंदर वासी गुरुचरणों में समर्पित कर बहुमूल्य भेट चढ़ाये। सभा अध्यक्ष भगवती भंडारी अभिव्यक्ति के माध्यम से अभिवंदना की।
महिला मंडल सह संयोजिका उर्मिला हिगंड ने आर्चाय महाश्रमण जी के प्रति अपनी अभीवंदना दी ज्ञानशाला द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गई।
साध्वीश्री काम्यप्रभा जी ,साध्वी श्रीश्रुति प्रभाजी ,साध्वी श्री सिद्धांत प्रभा जी ने सामूहिक गीतिका का संगान कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया कर दिया। सभा मंत्री रूपसिंह गोठी ने आचार्य श्री के साथ अपने बचपन के संस्मरण याद कर उन्हें उल्लेखित किया।
साध्वी श्री सुषमा कुमारी जी ने गुरुदेव के तपो गुण और उनकी तपस्या की महत्ता पर विशेष प्रकाश डालते हुए गुणानुवाद किया साध्वी श्री चित्रलेखा जी ने पिता की उपमा से गुरुदेव को उपमित कर जिस प्रकार पिता शिक्षा चिकित्सा और स्थान के लिए जागरूक रहता है गुरुदेव भी सभी साधु साध्वियों के लिए बहुत जागरूक रहते हैं।
शासन श्री साध्वी श्री जिनप्रभाजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि आज ही के दिन प्रभु महावीर को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी । चार प्रकार के मौन का विस्तृत विवेचन कर परिषद को बताया कि कैसे गुरुदेव ने आत्मस्थ मौन को साध लिया है।आपने अपने संस्मरणों के माध्यम से बताया कि गुरु अपने शिष्यों पर किस प्रकार कृपा बरसाते है। मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम की संपन्नता हुई।कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी श्री पुष्यप्रभाजी ने किया। यह जानकारी अभातेयुप भायंदर मुंबई प्रतिनिधी पारस कच्छारा ने दी।
भायंदर में आर्चाय श्री महाश्रमण जी जन्मोत्सव व पटृॊत्सव अभिवंदना कार्यक्रम का आयोजन
Leave a comment
Leave a comment