ठाणे। तेरापंथ धर्मसंघ की विदुषी साध्वी शासन श्री जिनरेखा जी ने अपनी पावन प्रेरणा से गुरुदेव श्री महाश्रमण जी के दर्शनार्थ ठाणे वासियों को प्रेरणा पाथेय प्रदान किया तत्पश्चात दिनांक 17 से 21/9/22 तक गुरुदर्शन हेतु ठाणे तेरापंथ समाज के लगभग 80 सदस्यों द्वारा ठाणे में मर्यादा महोत्सव की सामूहिक मांग को लेकर गुरु चरणों में उपस्थित हुए। गुरुदर्शन कर हर श्रावक अत्यंत गदगद एवं प्रफुलित था।
रास्ते में जाते समय ट्रेन में सहज ही समणी श्री रोहिणी प्रज्ञा जी एवं समणी श्री सत्य प्रज्ञा जी का अहमदाबाद से लाडनू तक का अचानक से हमारी ही कोच में सानिध्य प्राप्त हुआ उनकी पावन सनिद्धि में भक्ति एवं धर्म चर्चा का सहज लाभ मिला। दिनांक 18 को पूज्य प्रवर ने आगम के रहस्य को समझाते हुए आध्यात्मिक क्षेत्र में साध्य, और साधना शब्द बहुत प्रचलित है,परंतु जैन दर्शन के अनुसार हमारा दृष्टिकोण है, वितरागता साथ ही कालू यशोविलास का वाचन फरमाया।
साध्वी प्रमुखा श्री जी के दर्शन किए और प्रेरणा पाथेय में फरमाया की राग द्वेष से मुक्ति द्वारा ही आत्मा परम लक्ष्य को प्राप्त हो सकती है। पूज्यवरों के समक्ष सभा अध्यक्ष श्री रमेश सोनी ने ठाणे में मर्यादा महोत्सव की अर्ज की और सभा के मंत्री नरेश बाफना ने ठाणे क्षेत्र में चल रही गतिविधि का ब्योरा प्रस्तुत किया। युवा गीतकार पार्थ दुग्गड एवं महिला मंडल की बहिनो ने मनभावन गीत की प्रस्तुति दी।
गुरुदेव के साथ बिराज रहे सभी साधु संतो एवंअष्टमाचार्य पूज्य कालुगुरुदेव जन्मस्थल के सामूहिक दर्शन किए, कमलेश नौलखा ने गंगापुर समाधि संबंधित कालुगुरुदेव पर कुछ विशेष जानकारी एवं गीत की प्रस्तुति दी। दिनांक 19 को मुंबई के पूज्यप्रवर के चातुर्मासिक प्रवास अध्यक्ष श्री मदनलाल जी तातेड एवं मुंबई के लगभग 500 से अधिक कई प्रबुद्ध श्रावको के साथ ससंघ भव्य रैली के माध्यम से प्रवचन समवसरण में प्रवेश किया और पुनः श्री चरणों में वर्ष 2024 की मर्यादा महोत्सव की सामूहिक मांग रखी।। जिस अर्जी पर गुरुदेव ने मर्जी की मोहर लगाते हुए आगामी मर्यादा महोत्सव भी मुंबई वालो की जोली में फरमा कर मुंबई वासियों की जोली भर दी । जिस पर प्रवचन पंडाल में पूरे श्रावक समाज में अत्यंत खुशियों भरा माहौल उत्पन हो गया। सुनील गोखरू,कमलेश नौलखा, पार्थ दुग्गड, मनोहर कच्छारा ने भक्ति गीतों का जलवा बिखेरते हुए रास्ते में समा बांध दिया जो यात्रा के दिनों में सबका एक यादगार लम्हा बन गया।
सांय काल में श्रावको के प्रवास स्थल पर भी महिला मंडल, युवक परिषद एवं सभा के सदस्यों की सांस्कृतिक अनुपम प्रस्तुति हुई। अगले दिवस गुरुदेव श्री महाप्रज्ञ जी की समाधि के दर्शन कर वहा बने संग्रहालय का अवलोकन किया और साथ ही लाडनूं में सेवा केंद्र तथा अणुव्रत विश्व भारती में विराजित चारित्रआत्माओ के दर्शन किए। साथ ही भाई जी महाराज, तुलसी स्मारक, दीर्घ तपस्विनी साध्वी श्री पन्ना जी की समाधि पर जाना हुआ। इस यात्रा के संयोजक ललित कोठारी, नीरज बोथरा संदीप रांका, बिनोद कोठारी,राजेश भटेवरा, भंवर दास जैन, दीपक बरडिया, हरीश सिसोदिया, पारस चोपड़ा, सुरेश चंडालिया एवं हमारे सभी कार्यकर्ताओ ,बुजुर्ग महानुभावों, मार्गदर्शक, परामर्शक, महिला मंडल, युवक परिषद सभी का सहयोग भी काबिले तारीफ रहा। सभी के सहयोग से ही यह यात्रा सफल ही नही अपितु सफलतम रूप से संपन्न हुई।
ठाणे पहुंचकर पुनः साध्वी शासन श्री जिनरेखा जी के दर्शन किए, साध्वी श्री जी ने सभी के प्रति मंगलकामनाएं करते हुए प्रेरणा प्रदान की और इसी तरह हम सब जुड़ कर धर्मसंघ के विकास में सहयोगी बने और अगले वर्ष गुरुदेव ने चातुर्मास एवं मर्यादा महोत्सव पर ऐसा ही टीम वर्क हो तो यही हम सब के लिए एक बड़ा फलदाई प्रतिसाद होगा।
छापर पहुंच गुरुदर्शन कर गदगद हुआ ठाणे का श्रावक समाज
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