मथुरा:कृष्ण की नगरी मथुरा में जंक्शन पर मंगलवार सुबह रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना हुई। रेल पटरी-प्लेटफार्म के बीच एक साल की बच्ची पड़ी रही और उसके ऊपर से ट्रेन की 22 बोगियां गुजर गईं। मगर बच्ची का बाल बांका भी नहीं हुआ।
घटनाक्रम सुबह करीब साढ़े 10 बजे मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 का है। डीग गेट मेवाती मोहल्ला निवासी सोनू पुत्र रशीद परिवार के साथ झांसी जाने के लिए जंक्शन पहुंचे। साथ में पत्नी रानो, बेटी नायरा (4) और बेटी साहिबा (1) थी। सुबह करीब 10:30 बजे प्लेटफार्म संख्या-1 पर समता एक्सप्रेस पहुंची, सभी उसमें बैठ गए। सीट पर बैठते ही सोनू को पता चला कि उसकी जेब से पर्स गायब है।
पर्स में दो हजार रुपये और यात्रा का टिकट था। सोनू परिवार सहित ट्रेन से उतरने लगा। इसी दौरान ट्रेन चल दी। सोनू तो कोच से उतर गया, लेकिन गोद में बच्चियों समेत उतरते समय उसकी पत्नी लड़खड़ा गई। गोद से नायरा प्लेटफार्म और एक वर्षीय साहिबा प्लेटफार्म और पटरी के बीच गिर गई। बच्ची को ट्रेन के नीचे गिरता देख वहां मौजूद लोगों की चीख निकल गई। गिरने से रानो के भी पैर छिल गए।
हादसे के बारे में पता चलने पर गार्ड ने लीवर खींचकर ट्रेन रोकी, लेकिन तब तक पूरी ट्रेन गुजर चुकी थी। इधर, बच्ची को रेलपटरी और प्लेटफार्म के बीच सकुशल देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ईश्वर का चमत्कार देख तमाम यात्री भी बेहद खुश थे। बाद में पिता सोनू ने ट्रैक पर कूदकर बच्ची को गोद में उठा लिया। सूचना पर आरपीएफ भी वहां पहुंच गई। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक शिव कुमार सिंह पौनियां ने बताया कि बच्ची मां की गोद से छिटककर पटरियों पर गिर गई थी। गिरने की वजह से उसकी मां को हल्की चोट लग गई थीं।
स्टेशन पर बेखौफ जेबकतरे
मथुरा। आरपीएफ, जीआरपी की मुस्तैदी के बावजूद रेलवे स्टेशनों पर जेबकतरे बेखौफ हैं। वह मौका मिलते ही जेब तराश देते हैं। इस हादसे की वजह भी एक जेबकतरा बना। जेब कटने पर ही सोनू परिवार के साथ आननफान में ट्रेन से उतर रहा था।
इसी प्लेटफार्म पर पिछले दिनों बचा था युवक
इसे इत्तेफाक कहें या चमत्कार। इसी प्लेटफार्म पर पिछले दिनों मुरैना का एक युवक भी बचा था। वह युवक चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान प्लेटफार्म और कोच के बीच में फंस गया था। शुक्र है कि ट्रेन तत्काल रोक दी गई, जिससे उसकी जान बच गई। बाद में प्लेटफार्म काटकर और कोच के पायदान के बोल्ट खोलकर उस युवक को सकुशल निकाला गया था।
जाको राखे साइयांः बच्ची के ऊपर से गुजरी ट्रेन, नहीं आई एक भी खरोंच
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