स्टारकास्ट: मायरा विश्वकर्मा (पीहू)
निर्देशक: विनोद कापड़ी
निर्माता: रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर
रेटिंग: ***
पति-पत्नी के आपसी संबंधों पर और उनके अपनी अहंकार की लड़ाई पर बॉलीवुड में ढेरों फिल्में बन चुकी है। अभी तक हालांकि पति-पत्नी के बनते-बिगड़ते रिश्ते और अंततः पछतावे के बाद सुधार इस तय फार्मूले पर फिल्में बनती रही है! मगर पति-पत्नी के रिश्तों का टकराव और अहंकार की लड़ाई किस हद तक जा सकती है यह जब आप फिल्म पीहू में देखेंगे तब यकीन मानिए आपकी आत्मा थर्रा जाएगी। और इस फिल्म के खत्म होते ही आप यह कसम खाने पर मजबूर हो जाएंगे कि आप अपने जीवनसाथी का पूरा ध्यान रखेंगे!
अपने रिश्ते के बीच किसी भी मुद्दे पर अहंकार को कभी नहीं लायेंगे। हालांकि फिल्म कहीं भी इस मुद्दे पर बात नहीं करती! यह फिल्म विश्व सिनेमा की पहली फिल्म होगी जिसमें एक 2 साल की बच्ची के अलावा दूसरा कोई किरदार आपको नजर भी नहीं आता! संभवत यह एक गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड है!
कहानी है 2 साल की बच्ची पीहू की जो परिस्थिति वर्ष पूरे घर में अकेली है और किस तरह पीहू सुबह उठने के बाद पूरा दिन अकेले बिताती है! इस पूरे दिन में पीहू आपको हंसाती है, आपको रुलाती है, आपको डराती है और आपको दहशत में भी डाल देती है। सबसे बड़ी बात यह छोटी सी बच्ची आपको अपने आपके भीतर झांकने पर मजबूर कर देती है।
निश्चित ही एक 2 साल की बच्ची से पूरी फिल्म में काम करवाना गंगा को जमीन पर उतारने की तरह ही मुश्किल काम रहा होगा मगर विनोद कापड़ी का सुलझा हुआ निर्देशन, कसा हुआ स्क्रीनप्ले इसे एक अनोखी फिल्म बना देता है। निर्देशक विनोद कापड़ी इसके लिए वाकई बधाई के हकदार हैं जिन्होंने दुनिया से अलग जाकर एक अलग ही तरह का सिनेमा गढ़ा है!
कुल मिलाकर ‘पीहू’ एक विश्वस्तरीय सिनेमा है जिसे छोड़ना आप अफोर्ड नहीं कर सकते! यकीन मानिए यह बच्ची किसी भी ख़ान, कपूर या बच्चन से किसी भी तरह कम नहीं है! यह फिल्म आपको जरूर देखना चाहिए।
रोंगटे खड़े कर देती है 2 साल की ‘पीहू’
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