नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने ओडिशा हाईकोर्ट में जजों के लिए प्रस्तावित आठ में से छह नामों को वापस भेज दिया है। इन नामों को जज पद के योग्य नहीं माना गया। इसके अलावा कोलेजियम ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए तीन और इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए 13 नामों का प्रस्ताव किया है।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 31 अक्टूबर को अपलोड प्रस्ताव के मुताबिक, सुझाए गए आठ नामों में से एक नाम पर कुछ समय बाद विचार किया जाएगा। जबकि एक न्यायिक अधिकारी को कोलेजियम ने ओडिशा हाई कोर्ट में जज के रूप में पदोन्नति के लिए उपयुक्त पाया। बता दें कि ओडिशा हाई कोर्ट के वकील 29 अगस्त से हड़ताल पर हैं। वे उन दो पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन्होंने 28 अगस्त को कथित रूप से एक वकील की पिटाई कर दी थी।
उधर, कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव रविंद्र मैथानी के अलावा दो अन्य न्यायिक अधिकारियों नारायण सिंह धनिक और रमेश चंद्र खुलबे को उत्तराखंड हाई कोर्ट में जजों के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव किया है। रविंद्र मैथानी उत्तराखंड के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट में जजों के पद पर नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 15 नामों पर विचार किया। इनमें से 13 न्यायिक अधिकारियों को योग्य मानते हुए कोलेजियम ने उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव किया है।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जजों के योग्य नहीं माने प्रस्तावित छह नाम
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