मेरठ:सीरिया से निकलकर आईएस अब भारत में भी दहशत कायम करने के प्रयास में जुटा है। इंडियन मुजाहिदीन के साथ मिलकर यहां अपना नेटवर्क बनाने की तैयारी में है। आईएम, लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल अंसार आतंकी संगठनों के भी आपस में लिंक तलाशे जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आईएम ही आईएस को भारत में सक्रिय कराने की तैयारी में है और उसके निशाने पर एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के युवा हैं।
दिल्ली में हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने कहा था कि आईएस यहां के युवाओं को बरगलाकर अपने साथ जोड़ने के प्रयास में है। इंडियन मुजाहिदीन द्वारा आईएस की मदद की जा रही है। इनके साथ अन्य आतंकी संगठनों के भी होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ समय से बांग्लादेशी आतंकी संगठन हरकत उल अंसार पश्चिम में खासा सक्रिय हुआ है और इसकी सक्रियता के पीछे भी पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के होने की संभावना मानी जा रही है। आईएस पहले भी धमकी दे चुका है कि उसे मुजफ्फरनगर दंगे का बदला लेना है, जिसके चलते आईएसआई की यह बढ़ती सक्रियता और गंभीर मामला बनती जा रही है। जिस आईएम के आईएस के साथ होने की बात सुरक्षा एजेंसिया कर रहीं है। उसका सरगना भारत का लादेन उर्फ सुभान कुरैशी 21 जनवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था। उस पर एनआईए द्वारा चार लाख का इनाम घोषित किया गया था। उसकी गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता को और बढ़ा दिया
मिशन 2019 भी हो सकता है निशाने पर
राजनीतिक दल ही नहीं आतंकी संगठन भी चुनावी तैयारी में जुटे हैं। मिशन 2019 उनके भी निशाने पर है जिसको लेकर पहले ही इनपुट जारी हो चुका है। माना जा रहा है कि चुनावी दिनों में आतंकी संगठनों द्वारा यहां माहौल बिगाड़ने का प्रयास किए जाने की संभावना है। वह जातीय संघर्षों की घटनाओं, सांप्रदायिक घटनाओं को अंजाम देकर बड़ी साजिश यहां रच सकते हैं। इसे लेकर भी सुरक्षा एजेंसियां और स्थानीय पुलिस को अलर्ट किया जा चुका है।
इंडियन मुजाहिदीन और आईएस एक होकर भारत में हो रहे सक्रिय
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