नई दिल्ली:पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी उठापटक के बाद आखिरकार सीएम की कुर्सी से कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई हो गई। अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कांग्रेस में मथन जारी है। इस्तीफा सौंपने के बाद अमरिंद सिंह जब मीडिया के सामने आए तो उनका दर्द छलक पड़ा और उन्होंने इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू पर भी हमला बोला। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से बातचीत की थी। कैप्टन ने इस्तीफा देने से पहले सोनिया गांधी के साथ हुई फोन पर हुई उसी बातचीत की भी पूरी कहानी बताई, जिसमें कांग्रेस प्रेसीडेंट ने उनसे सॉरी कहा था।
समाचार एजेसी एएनआई से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया, ‘जब मुझे पता चला कि कांग्रेस विधायक दल का नया नेता चुनने की बात हो रही है तो मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सुबह करीब 10 बजे फोन किया। मैंने उनसे कहा कि मैम ये सब क्या हो रहा है। ऐसे में मैं इस्तीफा दे दूंगा। मुझे लगता है कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए, मैं आपको अपना इस्तीफा भेज रहा हूं। इसके जवाब में सोनिया जी ने कहा कि आई एम सॉरी अमरिंदर, आप इस्तीफा दे सकते हैं। फिर मैंने कहा ओके मैम।’
इसके बाद कैप्टन ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा। अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव के बाद भी उन्होंने सोनिया गांधी और उनके बच्चों के साथ निकटता के कारण इस तरह से अपमानित किये जाने की उम्मीद नहीं की थी। इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर तेज हमला किया और उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी, खतरनाक तथा पूरी तरह विपत्ति करार दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि वह सिद्धू को अगले मुख्यमंत्री के रूप में या आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के चेहरे के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
अपना त्यागपत्र सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में सिंह ने साफ किया कि उनकी राजनीति छोड़ने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने सिद्धू को ‘राष्ट्र विरोधी, खतरनाक, अस्थिर, अक्षम करार देने के साथ राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा तक बता दिया। अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का समर्थन करने का कोई प्रश्न नहीं उठता। उन्होंने आरोप लगाया कि वह (सिद्धू) ‘साफतौर पर पाकिस्तान के साथ मिले हैं और पंजाब तथा देश के लिए खतरा और विपदा हैं। सिंह ने पाकिस्तान के नेतृत्व के साथ सिद्धू की करीबी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा, ”मैं ऐसे व्यक्ति को हमें तबाह नहीं करने दे सकता। मैं राज्य और उसकी जनता के लिए खराब मुद्दों पर लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा, ”हम सब ने सिद्धू को इमरान खान (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) और जनरल बाजवा (पाक सेना प्रमुख) को गले लगाते देखा है और करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तारीफ करते सुना है, जबकि सीमा पर रोजाना हमारे जवान मारे जा रहे थे।’
कांग्रेस नेता ने राजनीति छोड़ने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि एक सैनिक के तौर पर उनमें बहुत दृढ़ इच्छाशक्ति है और पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव में वह सक्रिय रहेंगे। सिंह ने दावा किया कि खुद उन्होंने अपने समर्थक विधायकों से कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने को कहा था और किसी बैठक में बड़ी संख्या में विधायकों की मौजूदगी का मतलब यह नहीं है कि वे सिद्धू का समर्थन कर रहे थे। विधायकों का भरोसा खोने के केंद्रीय नेतृत्व के दावों को खारिज करते हुए सिंह ने इन्हें बेकार के बहाने बताया। उन्होंने कहा कि सारे विधायकों को खुश रखना मुमकिन नहीं है।