संयुक्त राष्ट्र:भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर हमला किया है। भारत ने आतंकवाद को सीमापार से मानवाधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन बताया। साथ ही वैश्विक समुदाय से इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने शुक्रवार को मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट पर तीसरे समिति सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी स्थिति-विशेष से जुड़े मुद्दों में मानवाधिकार परिषद के कार्यों में आमसहमति की कमी एक चिंताजनक प्रवृत्ति है।
इससे इसकी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता में कमी आती है। उन्होंने कहा, आतंकवाद मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन है जो हमारी सीमाओं के परे से आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मानव अधिकारों और निर्दोष लोगों की मौलिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने के लिए आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ कार्रवाई करना चाहिए।
त्रिपाठी ने कहा, संबंधित देश से परामर्श और सहमति के बिना आक्रामक और टकराव वाला दृष्टिकोण और घुसपैठ के तरीकों को अपनाना प्रतिकूल रहा है। इससे मानवाधिकार के मुद्दों का केवल राजनीतिकरण ही होता है।
भारत ने मानवाधिकार परिषद को अपनी प्रासंगिकता और प्रभावकारिता बनाए रखने के लिए सार्वभौमिकता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, गैर-चयनशीलता और रचनात्मक बातचीत के मौलिक सिद्धांतों के पालन को सशक्त बनाने के लिए कहा। भारत को पिछले महीने मानवाधिकार परिषद के लिए चुना गया था।
UN में भारत का पाकिस्तान पर हमला, बोला-सीमापार से आतंकवाद मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन
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