नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा बिहार में इन दिनों डेंगू, मलेरिया, मौसमी बुखार के साथ-साथ रहस्यमयी बुखार जैसी बीमारियां कहर बरपा रही हैं। जिससे अब तक कई बच्चों की जान जा चुकी है तथा बीमारियों ने बच्चों के साथ-साथ अब बड़ों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि सरकारों की चिकित्सा तैयारियों के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं और अस्पतालों में अब बेड की किल्लत भी होने लगी है, जबकि कई जगह खस्ताहाल अस्पतालों ने लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के अलग-अलग शहरों में डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में जैसी भीड़ दिख रही थी, एक बार फिर वैसा ही मंजर दिखने लगा है। फिरोजाबाद के गोकुल गांव में 100 से ज्यादा बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। यहां वायरल बुखार से 5 बच्चे दम तोड़ चुके हैं। सिर्फ बच्चे ही नहीं यहां बड़े भी बुखार की चपेट में आ रहे हैं, मरीज बढ़ते जा रहे हैं और अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है।
मथुरा के हथियाबली गांव में दो बहनों की डेंगू से मौत हो गई. तीसरी बहन का इलाज अस्पताल में चल रहा है। मथुरा के कम से कम बीस गांवों में ऐसा ही हाल है और पूरे जिले में डेंगू, स्क्रब टाइफस और लेप्टो स्पाइरोसिस बीमारियों की टेस्टिंग ही नहीं है। वाराणसी के अस्पताल भी वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों से भरे पड़े हैं। बुखार के साथ-साथ यहां बच्चों में डायरिया की शिकायत भी मिल रही है। फर्रूखाबाद का हाल ये है कि एक साथ कई गांवों में डेंगू, मलेरिया और टायफाइड के मरीज सामने आने लगे हैं। सहारनपुर में डेंगू तो गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी तरह बिहार में भी वायरल फीवर तेजी से पैर पसार रहा है। पटना और मुजफ्फरनगर में बच्चों में रहस्यमयी बुखार तेजी से फैल रहा है। बच्चों के बेड फुल हो चुके हैं। बच्चों के सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वैशाली और छपरा के अस्पतालों से भी बच्चों के पीड़ित होने की खबरें आ रही हैं। वैशाली में वायरल बुखार से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। एक महीने से 5 साल तक की उम्र के कई बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। छपरा के एक गांव में फैली बीमारी रहस्यमय बनी हुई है। गांव के कई बच्चे बीमार हैं, लेकिन कोरोना, कालाजार और मलेरिया की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में दवाइयां बांट रही है, लेकिन तेजी से बढ़ते मरीजों की वजह से तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगी हैं। मुजफ्फरपुर में बच्चे-बड़े सभी बीमार पड़ रहे हैं। हालत ये है कि एक दिन में 2 हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं।
यूपी, बिहार ही नहीं मध्य प्रदेश में भी बीमारियां कहर बरपा रही हैं। भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बच्चों का वार्ड भर गया है। ये बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं। सिर्फ भोपाल नहीं इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर जैसे बड़े शहर और छोटे कस्बे भी मौसमी बुखार की चपेट में हैं।
यूपी, बिहार और एमपी में बीमारियों का कहर, अस्पतालों में बेड की कमी, मौतों का सिलसिला जारी
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