कार्तिक मास की त्रयोदसी को धनतेरस होती है और इस बार 7 नवंबर की दिवाली होने के चलते धनतेरस 5 नवंबर की है। धनतेरस पर बर्तन व अन्य कई तरह की चीजें खरीदने की परंपरा और मान्यता है। वहीं इस दिन सोने की खरीदारी करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। सोना खरीदने के पीछे पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। धनतेरस धन और तेरस दो शब्दों के मेल से बना है। घर में धन और समृद्धि के लिए इस दिन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
धनतेरस पर सोना खरीदने का पौराणिक कथा से नाता
धनतेरस पर वैसे तो हम कई तरह की चीजें खरीदते हैं मगर बाजार में स्वर्णकारों के यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। मगर क्या आप जानते हैं इसके पीछे भी एक कारण है। ज्योतिषविद् एवं आचार्य पवन शास्त्री के अनुसार धनतेरस पर सोने खरीदने का नाता सालों से चली आ रही एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है।
पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस हिम नामक एक राजा के बेटे के श्राप से संबंधित है। बताते हैं कि राजा हिम के बेटे को श्राप था कि शादी के चौथे दिन ही उसकी मृत्यु हो जाएगी। मगर जब इस बात का राजकुमार की पत्नी को पता चला तो उसने एक नीति बनाई। उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जगे रहने के लिए कहा। मगर पति कहीं सो न जाए इसके लिए वह लगातार गीत और कहानियां सुनाती रही। उसके बाद उसने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी व अन्य बहुमूल्य वस्तुएं रख दीं। घर के आस-पास दीये भी जलाए। यम सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने आए तो आभूषणों और दीपों की चमक से अंधे हो गए। वह घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर सके। वह आभूषणों के ढेर पर बैठ गए और रात भर गीत सुनते रहे। सुबह होने पर यमराज राजकुमार के प्राण लिए बिना ही चले गए क्योंकि मृत्यु की घड़ी बीत चुकी थी।
दिवाली के अवसर पर पंचोत्सव मानाने की परंपरा है। जिनमे पांच दिन तक एक के बाद एक पर्व मनाये जाते है। इन पर्वों में सबसे पहला नाम धनतेरस का आता है। उसके बाद छोटी दिवाली, फिर बड़ी दीपावली उसके बाद गोवेर्धन पूजा और अंत में भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व को भारत में ही नही बल्कि देश विदेश में भी बड़े उत्साह और हर्ष के साथ मनाया जाता है।
आखिर धनतेरस पर खरीदारी करना क्यों माना जाता शुभ
माना जाता है देवी लक्ष्मी की भांति भगवान धनवंतरि भी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। उनके हाथ में अमृत कलश था इसलिए इस दिन बर्तन आदि खरीदने की परंपरा बनाई गयी है। धनतेरस के दिन लोग सोने चांदी के बर्तन, सिक्के और आभूषण आदि खरीदते है। इसके अलावा भी ऐसी बहुत सी चीजें है जिन्हे धनतेरस पर खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
किन चीजों को खरीदने से मिलता लाभ
- धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन चांदी के बर्तन खरीदने की भी प्रथा है। लोगों का मानना है चांदी चन्द्रमा का प्रतिक है जो शीतलता प्रदान करता है।
- धनतेरस के दिन घर में दक्षिणा वर्ती शंख लाना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस शंख से देवी अत्यंत प्रसन्न होती है और घर में प्रवेश करती हैं ।
- मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन रुद्राक्ष की माला खरीदना भी शुभ होता है।
- इस दिन गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति भी खरीदते है जिनकी पूजा दिवाली के दिन की जाती है।
- धनतेरस के दिन विलासिता से भरपूर वस्तुएं खरीदते है तो कुछ जरुरत की वस्तुएं खरीद कर धनतेरस का पर्व मनाते है।
- वर्तमान में धनतेरस के दिन वाहन आदि खरीदना भी शुभ मानते है। इसके अतिरिक्त अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं जैसे मोबाइल, कंप्यूटर और बिजली के उपकरण भी धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है।
- स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाने से लक्ष्मी घर की ओर आकर्षित होती हैं। इसलिए धनतेरस के दिन स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाएं और दीपावली की सांय को इसे लक्ष्मी पूजन स्थल पर रखकर इसकी पूजा करें। पूजा के बाद इस श्रीयंत्र को केसरिया कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें, इससे बरकत बनती है।
- झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के मौके पर नई झाड़ू को घर लाएं। इससे नकारात्मकता खत्म होती है। साफ सुथरे घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
- मान्यता है कि धरतेरस पर गोमति च्रक खरीद कर इसे एक कपड़े में बांधकर घर की तिजाेरी में रखने से बरकत मिलती है।
धनतेरस पर इन वस्तुओं को खरीदना माना जाता है अशुभ
- धनतेरस के दिन तेल खरीदने से बचें, या तेल प्रयोग कर बनाए जाने वाली वस्तुओं को भी कम खरीदें, इसे खरीदना अशुभ माना जाता है।
- मान्यताओं के अनुसार इस दिन खासकर काले रंग की वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। इन्हें शुभ नहीं माना जाता।
- शीशे का संबंध राहु से है, इसीलिए धनतेरस के दिन शीशे की खरीदारी से बचना चाहिए। अगर शीशा ख़रीदे तो वह पारदर्शी अथवा धुंधला नहीं होना चाहिए।
- एल्युमीनियम के बर्तन धनतेरस पर खरीदना शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि इस धातु पर राहू का आधिपत्य होता है। और लगभग सभी शुभ ग्रह इससे प्रभावित होते है। पूजा पाठ में भी इस धातु के बने बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
- इस दिन नुकीला सामान जैसे चाकू, कैंची, छुरी और लोहे के बर्तन आदि नहीं खरीदना चाहिए।