इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रथम चीन यात्रा से पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को कहा कि चीन और पाक के बीच की दोस्ती एक मिसाल है। उन्होंने चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को दोनों राष्ट्रों की मैत्री में एक महत्त्वपूर्ण आयाम बताया।
खान और कुरैशी दो नवंबर से पांच नवंबर तक चीन यात्रा पर रहेंगे। उनके साथ एक शिष्टमंडल भी जा रहा है। पाकिस्तानी नेताओं की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ऐसे समय बातचीत होगी जब यह खबर गर्म है कि पाकिस्तान कुछ परियोजनाओं का आकार कम कर रहा है। इससे 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले सीपीईसी गलियारे को लेकर चीन में चिंता है। खान की बीजिंग यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब नकदी संकट से जूझ रहे इस देश के लिए बेल आउट पैकेज को लेकर विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सात नवंबर को औपचारिक विचार विमर्श प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा, ‘दोनों देश निकट मित्र, अच्छे पड़ोसी और विकास के भागीदार हैं। दोनों के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। घरेलू या अंतरराष्ट्रीय बदलावों से इतर इस करीबी दोस्ती ने अन्य देशों के लिए एक दोस्ती के मॉडल का काम किया है।’
चीन सदाबहार रणनीतिक सहकारी साझेदार
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान और चीन को ‘सदाबहार रणनीतिक सहकारी साझेदार’ बताते हुए कहा कि सीपीईसी के शुभारंभ से द्विपक्षीय संबंधों को और विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में मजबूत हुआ है। उन्होंने इस महत्त्वाकांक्षी आधारभूत संरचना परियोजना को द्विपक्षीय संबंधों के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास का एक और महत्त्वपूर्ण आयाम बताते हुए कहा, ‘दोनों देशों के नेतृत्व ने सीपीईसी के सफल कार्यान्वयन के लिए सशक्त इच्छा और वचनबद्धता व्यक्त की है।’ बीजिंग अपने विशाल बेल्ट और रोड (बीआरआई) पहल में सीपीईसी को प्रमुख आधारभूत संरचना कार्यक्रम के रूप में देखता है।
सीपीईसी विकास का इंजन: पाक
कुरेशी ने कहा, ‘पाकिस्तान सीपीईसी को विकास के लिए एक इंजन के रूप में देखता है। यह पाकिस्तान के लोगों के लिए आर्थिक विकास का उत्प्रेरक और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक मंच है।’आईएमएफ ने कहा था कि वह सीपीईसी परियोजनाओं की बारीकी से जांच करेगा। अमेरिका चीनी ऋण के भुगतान के लिए आईएमएफ के धन के इस्तेमाल का विरोध कर रहा है।
पाक को 11.7 अरब डॉलर की जरूरत
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्त मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान को अपने बाहरी ऋण की किस्त और ब्याज चुकाने के लिए 11.7 अरब अमेरिकी डॉलर की जरूरत है। अमेरिका का कहना है कि सीपीईसी परियोजनाओं पर हुए कर्जे पाकिस्तान के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है। बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों ने उसकी यह दलील खारिज कर दी।
पाकिस्तनी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बोले, चीन-पाक की दोस्ती रिश्तों की मिसाल
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